Bihar Politics: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सलाहकार रहे जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने तो मुख्यमंत्री का मेडिकल बुलेटिन जारी करने तक की मांग कर डाली.
Bihar Politics: बिहार की राजनीति में इन दिनों टायर्ड CM और रिटायर्ड ऑफिसर की खूब चर्चा है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव समेत पूरा विपक्ष नीतीश कुमार को एक थका हुआ मुख्यमंत्री बताने में लगा हुआ है. वहीं, कभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सलाहकार रहे जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने तो मुख्यमंत्री का मेडिकल बुलेटिन जारी करने तक की मांग कर डाली है. उन्होंने पूछा है कि आखिर नीतीश कुमार को हुआ क्या है?
प्रशांत किशोर ने बोला बड़ा हमला
दरअसल, बिहार की राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले नीतीश कुमार को आखिर क्या हो गया है, इसे लेकर सियासी हलको में चर्चाओं का दौर जारी है. कुछ समय पहले तक विरोधियों को अपने सटीक बयानों के तीर से छलनी कर देने वाले नीतीश कुमार की चुप्पी पर सियासी अटकलों का दौर जारी है. बता दें कि कुछ समय से विपक्ष की ओर से हो रहे हमलों पर नीतीश कुमार मीडिया के सवालों पर चुप्पी साध लेते हैं.
वहीं, खुले मंच से बड़े हमले करने वाले नीतीश कुमार अब मंच से भी कुछ नहीं बोल रहे हैं. इस मामले पर RJD यानि राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने कई मौकों पर कहा है कि नीतीश कुमार टायर्ड मुख्यमंत्री हैं और रिटायर्ड अधिकारियों के साथ मिलकर सरकार चला रहे हैं. वहीं, जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर मुख्यमंत्री का मेडिकल बुलेटिन जारी करने की मांग कर दी है. प्रशांत किशोर ने पूछा है कि क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीमार हैं?
यह भी पढ़ें: नीतीश कुमार की चुप्पी किस बड़े खतरे का है संकेत? जानें क्यों BJP को खल रहा सीएम का न बोलना
प्रगति यात्रा के दौरान फिसली थी जुबान
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार में प्रगति यात्रा में व्यस्त हैं. अपनी प्रगति यात्रा के दौरान वह जीविका दीदियों से बात भी कर रहे हैं. इस बीच उन्होंने कई मौकों पर ऐसा बयान दे दिया है, जिससे पूरे बिहार में उनकी और पूरे NDA की किरकिरी हो गई है. बेगूसराय में महिलाओं के कपड़े पहनने या महिलाओं की सुंदरता वाला बयान हो. इस पर विपक्ष ने उनको जमकर घेरा है. शायद यही कारण है कि नीतीश कुमार के साथ रहने वाले मंत्री उन्हें मीडिया में बयान देने से रोक रहे हैं.
इस बीच केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने भी सफाई दी है. उन्होंने कहा कि हाल के समय नीतीश कुमार इतने एक्टिव नहीं है. हालांकि, नीतीश कुमार ने अपने 2 दशकों के शासन के दौरान बिहार को एक अलग पहचान जरूर दिलाई है. इसे कोई नकार भी नहीं सकता, लेकिन हाल के समय उनकी चुप्पी ने राजनीतिक हलको में कई तरह की चर्चाओं को जन्म दे चुका है. अब सच्चाई जो भी हो लेकिन बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार का एक्टिव न होना,कहीं न कहीं JDU और NDA के लिए यकीनन चिंता का विषय है.
यह भी पढ़ें: Bihar Election 2025: नीतीश के रास्ते पर तेजस्वी! जानें कैसे बदल रहे बिहार में सियासी समीकरण!
Follow Us On: Facebook | X | LinkedIn | YouTube | Instagram