Three Criminal Laws : तीन नए आपराधिक कानूनों पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हमने सभी दलों से आए सुझाव पर गंभीरता से विचार किया, लेकिन किसी को असहमति है तो उसके लिए मेरा दफ्तर हमेशा खुला है.
01 July, 2024
Three Criminal Laws : देश में एक जुलाई से आईपीसी, सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह तीन नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनिमय (BSA) ने ले ली है. इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने प्रेस कॉफ्रेंस की. उन्होंने कहा कि नए क्रिमिनल लॉ पर विस्तार से चर्चा हुई. इसमें हर पार्टी के सांसदों ने हिस्सा लिया और सुझावों को रखा.
चार-पांच सुझाव छोड़कर सबको गंभीरता से लिया
गृह मंत्री शाह ने कहा कि चार-पांच राजनीतिक सुझाव को छोड़कर मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि हर सुझाव को गंभीरता से लिया है. ऐसे में 93 बदलावों के साथ बिल को फिर से कैबिनेट के सामने प्रस्तुत किया. पारित करने के बाद सदन के सामने रखा है. उन्होंने कहा कि इतने वर्षों के बाद कानूनी सुधारों को राजनीतिकरण करना ठीक नहीं है.
पॉलिटिक्स छोड़िए और कानून पर विचार करिए
विपक्ष से विनती करते हुए अमित शाह ने कहा कि पॉलिटिक्स करने के लिए हमारे पास ढेर सारे मु्द्दे हैं. आप आराम से राजनीति करियेगा इसकी कोई चिंता नहीं है, उसका हम भी जवाब देंगे. ये कानून 140 करोड़ नागरिकों को संविधान में आत्मसम्मान और न्याय दिलाने के लिए हैं. यह नागरिक सम्मान को समय पर दिलाने की एक्सरसाइज है. मैं मानता हूं कि जिसको भी कुछ कहना है, मेरा दफ्तर हमेशा खुला है.
संविधान की भावना के अनुसार धाराओं को प्राथमिकता दी
केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि हमने अपने संविधान की भावना के अनुसार ही धाराओं और अध्यायों को प्राथमिकता दी है. पहले अध्याय में महिला और बच्चों की सुरक्षा को अहमियत दी गई है. मेरा मानना है कि 35 धाराओं और 13 प्रावधान वाला अधूरा अध्याय पहले ही जोड़ा जाना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अमित शाह ने कहा कि सामूहिक दुष्कर्म पर 20 साल की कैद या आजीवन कारावास, नाबालिग से दुष्कर्म पर मृत्युदंड और पहचान छिपाकर, झूठ वादे करके यौन शोषण के लिए एक अलग अध्याय परिभाषित किया गया है.
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