Arvind Kejriwal News: दिल्ली के मुख्यमत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की 7 दिन की अंतरिम जमानत बढ़ाने वाली याचिका पर सुनवाई करने से इन्कार कर दिया है.
28 May, 2024
Arvind kejriwal News: दिल्ली के मुख्यमत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की 7 दिन की अंतरिम जमानत बढ़ाने वाली याचिका पर सुनवाई करने से इन्कार कर दिया है. बता दें कि अरविंद केजरीवाल ने कुछ चिकित्सकीय जांच कराने के लिए अपनी अंतरिम जमानत 7 दिन बढ़ाने की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कह दिया है कि वो इस मामले में सुनवाई नहीं कर सकते हैं. कोर्ट ने कहा कि आप चाहे तो चीफ जस्टिस के पास इस मामले को लेकर जा सकते हैं. वो ही इस मामले में कोई फैसला लेंगे.
निर्णय रख लिया गया सुरक्षित
न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की अवकाश पीठ ने मुख्यमंत्री की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी की दलीलों पर कहा कि अंतरिम याचिका को सूचीबद्ध करने पर निर्णय माननीय सीजेआई द्वारा लिया जा सकता है, क्योंकि निर्णय मुख्य मामले में सुरक्षित रखा गया है.
अंतरिम जमानत को बढ़ाने की मांग
दरअसल अरविंद केजरीवाल ने अपनी अंतरिम जमानते को बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. उन्होंने उत्पाद शुल्क नीति घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में स्वास्थ्य आधार पर अपनी अंतरिम जमानत को 7 दिन और बढ़ाने की मांग की. केजरीवाल ने दावा किया है कि गिरफ्तारी के बाद उनका 7 किलो वजन घट गया. उनका कीटोन लेवल बढ़ गया है. ऐसे में मुख्यमंत्री को कुछ मेडिकल परीक्षणों से गुजरना होगा और इस उद्देश्य के लिए अंतरिम जमानत, जो 1 जून को समाप्त हो रही है, उसे बढ़ा दिया जाना चाहिए. याचिका में कहा गया है कि मैक्स के डॉक्टरों ने जांच की है और अभी उनका PET-CT स्कैन व कई टेस्ट करवाने की जरूरत है.
मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार
मुख्यमंत्री केजरीवाल को ED ने कथित शराब नीति घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था. जिसके बाद उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी और कोर्ट ने उन्हें एक जून तक अंतरिम जमानत दे दी. बता दें कि कोर्ट ने उन्हें निचली अदालत का रुख करने की भी अनुमती दे दी थी. यह मामला 2021-22 के लिए दिल्ली सरकार की अब समाप्त हो चुकी उत्पाद शुल्क नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित है.