Home Politics पहले जवानों को शहीदों का दर्जा मिलता था, अब उन्हें अग्निवीर बना दिया – राहुल गांधी

पहले जवानों को शहीदों का दर्जा मिलता था, अब उन्हें अग्निवीर बना दिया – राहुल गांधी

'कोरोना के दौरान 1.5 भर्तियों में नहीं हुआ युवाओं का चयन'

by Rashmi Rani
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Bharat Jodo Nyay Yatra

5 March 2024

मध्य प्रदेश में राहुल गांधी के नेतृत्व में चल रही भारत जोड़ो न्याय यात्रा का आज चौथा दिन है, वह अब उज्जैन पहुंच चुके हैं। न्याय यात्रा के दौरान उन्होंने जाति जनगणना के मुद्दे पर एक बार फिर बात करते हुए कहा कि, इस देश में पिछड़ों की आबादी 50 प्रतिशत, दलितों की 15 और आदिवासियों की 8 और माइनोरिटी की आबादी 15 फीसदी है, तो सब मिलाकर तकरीबन 90 फीसदी होती है। अब अगर आप देश के सबसे बड़े उद्योगपतियों की लिस्ट निकालोगे, बड़ी-बड़ी कंपनियों के सीनियर पदों की लिस्ट निकालोगे, तो उसमें आपको 90 फीसदी का एक भी नहीं मिलेगा। मीडिया में एक बड़ा पत्रकार पिछड़े समाज का नहीं मिलेगा। टीवी चैनलों में एक भी पिछड़ा-दलित-आदिवासी का एंकर नहीं मिलेगा। जब आप मीडिया के मालिकों की लिस्ट निकालोगे तो वहां पर एक भी 90 फीसदी आबादी नहीं मिलेगा।

अग्निवीर योजना पर राहुल ने मोदी सरकार को घेरा
राहुल गांधी ने कहा कि डिफेंस मिनिस्ट्री ने अग्निवीर योजना लागू कर दी है, पहले जब सेना में भर्ती की जाती थी उस दौरान युवा सुबह उठते दौड़ मारने के लिए निकल पड़ते थे। तब सेना कहती थी कि आप में देशभक्ति की आग है और आप देश के लिए शहीद होने के लिए तैयार हो, तो हम आपकी रक्षा करेंगे। उन्होंने कहा कि, यदि कोई जवान शहीद होता था तो उसे शहीद का दर्जा मिलता था। अब मोदी सरकार सेना में अग्निवीर ले आई है, इससे सैनिकों में भेदभाव पैदा हो गया है। राहुल गांधी ने कहा कि, कोरोना के समय देश के 1.5 लाख युवा सेना में चयनित हुए थे, लेकिन 3 साल भटकने के बाद भी उन्हें जॉइनिंग नहीं दी गई। अब उनके सारे रास्ते बंद हो गए हैं। आखिर इन 1.5 लाख युवाओं की क्या गलती थी?

एग्जाम हॉल में पहुंचने से पहले एग्जाम पेपर मोबाइल पर आ जाता है
देश में परीक्षा लीक को लेकर उन्होंने कहा कि, एक समय था जब युवा सरकारी नौकरी की तैयारी करते थे और वह परीक्षा केंद्र पर पहुंचकर एग्जाम देते थे, फिर रिजल्ट आने के बाद एक प्रोसेस के तहत सरकारी नौकरी दे दी जाती थी, लेकिन अब उन्होंने एक और पेटर्न जोड़ दिया है पहले एक अभ्यर्थी दो-तीन साल पढ़ाई करें, इसके बाद जब एग्जाम का समय आता है गरीब बच्चा जब इधर-उधर देखता है। तभी दो-तीन प्रतिशत लोगों के मोबाइल फोन पर पेपर आ जाता है, फिर पता लगता है कि पेपर लीक हो जाता है। आप लोग जब पूरे सिलेब्स की तैयारी करते हो और कुछ लोग मोबाइल फोन से पेपर कर अपना काम कर देते हैं। इतने में आपके ऊपर एक मार लगती है कि आपका नंबर नहीं आया। अब तो जो थोड़ी बहुत सरकारी नौकरी बची थी, वो भी रास्ता बंद कर दिया गया है।

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