Sengol In Parliament : समाजवादी पार्टी के सांसद आरके चौधरी ने मांग की है कि संसद में सेंगोल की जगह संविधान को रखा जाए. अब इस पर अखिलेश यादव की भी प्रतिक्रिया सामने आ गई है.
27 June, 2024
Sengol In Parliament : उत्तर प्रदेश के लखनऊ की मोहनलालगंज लोकसभा सीट से समाजवादी पार्टी के सांसद आरके चौधरी ने संसद में रखे सेंगोल पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने मांग की है कि सेंगोल की जगह संविधान को प्राथमिकता दी जाए. राष्ट्रपति के अभिभाषण से पहले ही समाजवादी पार्टी के सांसद ने कहा कि सेंगोल राजा-महाराजाओं का प्रतीक है, इसलिए इसे हटा देना चाहिए. उन्होंने इसको लेकर प्रोटेम स्पीकर को एक चिट्ठी भी लिखी. इसी तरह की बात RJD के राज्यसभा सदस्य मनोज झा और SP मुखिया अखिलेश यादव ने कही है.
विरोध जताते हुए लिखी चिट्ठी
अपनी चिट्ठी में आरके चौधरी ने कहा कि सेंगोल की जगह संसद में संविधान की एक विशाल प्रति लगाई जानी चाहिए. सांसद पद की शपथ लेने के बाद उन्होंने विरोध जताते हुए यह चिट्ठी लिखी है. इस मामले में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा कि हमारे सांसद ने शायद इसलिए ऐसा कहा क्योंकि सेंगोल को जब स्थापित किया गया तो प्रधानमंत्री ने इसके सामने सिर झुकाया था. वहीं, आरजेडी सांसद मनोज झा ने भी ‘सेंगोल’ की जगह भारत के संविधान की कॉपी लगाने की विपक्ष की मांग का समर्थन किया है.
सेंगोल राजतंत्र का प्रतीक
आरके चौधरी ने कहा कि ‘मैंने सम्माननीय सदन में शपथ ली. कानून की ओर से स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा की शपथ ली, लेकिन मैं सदन की कुर्सी के दाईं ओर सेंगोल को देखकर हैरान रह गया. हमारा संविधान देश का पवित्र दस्तावेज है, जबकि सेंगोल राजतंत्र का प्रतीक है’. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में BJP सरकार ने संसद में सेंगोल स्थापित किया और इसका मतलब राजा का डंडा भी होता है. उन्होंने यह सवाल करते हुए कहा कि देश राजा के डंडे से चलेगा या संविधान से?
बता दें कि उत्तर प्रदेश में 37 सीटें जीतकर अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी इस लोकसभा में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल मई में नई संसद के लोकसभा सदन में तमिलनाडु के सदियों पुराने मठ के आधीनम महंतों की मौजूदगी में ‘सेंगोल’ की स्थापना की थी.
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