Voter Turn out Data: कपिल सिब्बल ने चुनाव आयोग(Election Commission of India) पर बड़ा सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि आयोग को फॉर्म 17C को सार्वजनिक करने में आखिर क्या दिक्कत है?
23 May, 2024
voter Turn out Data: सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट और राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने चुनाव आयोग(Election Commission of India) पर बड़ा सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि आयोग को फॉर्म 17C को सार्वजनिक करने में आखिर क्या दिक्कत है? उन्होंने कहा कि फॉर्म 17C पर पीठासीन अधिकारी साइन करते हैं और इसे बाकायदा पोलिंग एजेंट को दिया जाता है, ऐसे में चुनाव आयोग को इसे वेबसाइट पर डालने में क्या पेरशानी है.
फॉर्म 17C से नहीं कर सकता कोई छेड़छाड़
कपिल सिब्बल ने कहा कि फॉर्म 17C से कोई भी छेड़छाड़ नहीं कर सकता है और इस पर सभी दलों को भी भरोसा है. इसके जरिए ही वोटिंग के असल आंकड़े उजागर किए जा सकते हैं. बता दें कि कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने वोटिंग परसंटेज के आंकड़ों को लेकर चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं. इसके साथ ही 17C फॉर्म को लेकर भी जागरुकता अभियान शुरू कर दिया है. विपक्षी दलों का आरोप है कि चुनाव आयोग वोटिंग के असल आंकड़े जारी करने में देरी कर रहा है, वहीं आरटीआई में भी 17C फॉर्म के आंकड़े सार्वजनिक नहीं कर रहा है.
क्या है फॉर्म 17C
कंडक्ट ऑफ इलेक्शन रूल्स(Conduct of Election Rules) 1961 के तहत कुल मतदाता और वोटर्स का डेटा दो फॉर्म में भरा जाता है. पहले फॉर्म को 17A कहा जाता है तो दूसरे फॉर्म को 17C कहा जाता है. जब भी कोई वोटर मतदान करने जाता है तो उससे पहले फॉर्म 17A भरवाया जाता है. जिसके बाद फॉर्म 17C उस समय भरा जाता है जब पोलिंग बंद हो जाती है. कंडक्ट ऑफ इलेक्शन रूल्स 1961 के तहत जो प्रीसाइडिंग ऑफिसर होते हैं वो जितने भी वोट हुए हैं, उसका लेखा-जोखा तैयार करते हैं. इसके बाद इस डेटा को एक अलग लिफाफे में रखा दिया जाता है.
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