Who is Nimisha Priya: केरल के पलक्कड़ की रहने वाली निमिषा पर आरोप है कि उन्होंने यमन के एक नागरिक तलाल अब्दो महदी को ड्रग का ओवरडोज देकर मार दिया था.
Who is Nimisha Priya: 36 साल की भारतीय नर्स निमिषा प्रिया के मामले में भारतीय विदेश मंत्रालय ने बड़ी जानकारी दी है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने पुष्टि कर दी है कि उन्हें यमन नागरिक की हत्या के आरोप में यमन के राष्ट्रपति रशद अल-अलीमी ने मौत की सजा को मंजूरी दे दी है. साथ ही रणधीर जायसवाल ने कहा कि विदेश मंत्रालय इस मामले में विकल्प तलाशने के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि निमिषा प्रिया कौन हैं और उन्हें कैसे बचाया जा सकता है.
यमनी नागरिक को मारने का आरोप
यह पूरा मामला साल 2017 का है. मीडिया रिपोर्ट से मुताबिक मूल रूप से केरल के पलक्कड़ की रहने वाली निमिषा पर आरोप है कि उन्होंने यमन के एक नागरिक तलाल अब्दो महदी को ड्रग का ओवरडोज देकर मार दिया था. दरअसल, निमिषा ने केरल में नर्सिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद साल 2008 में एक अस्पताल में काम करना शुरू कर दिया था. साल 2011 में उनकी शादी टॉमी थॉमस नाम के शख्स के साथ शादी कर ली.
शादी के अगले साल दोनों यमन चले गए. साल 2014 में आर्थिक तंगी के कारण निमिषा के पति ने भारत लौटने का तय किया. हालांकि, निमिषा ने यमन में ही रुकने का फैसला किया था. इसी बीच हूती विद्रोहियों के कारण यमन में गृह युद्ध की आग सुलग गई. भारत समेत कई देशों ने यमन के मौजूदा हालातों को देखते हुए वीजा सेवाओं को निलंबित कर दिया था, जिस कारण उनके पति भी यमन नहीं जा पाए.
मीडिया रिपोर्ट से मुताबिक इस बीच यमन की राजधानी सना में साल 2015 में निमिषा ने तलाल अब्दो महदी की मदद से प्राइवेट क्लिनिक की शुरुआत की. दरअसल, यमन सरकार के कानून के मुताबिक यमन के नागरिक ही सिर्फ यमन में अपना कारोबार शुरू कर सकते हैं. जानकारी के मुताबिक साल 2015 में ही निमिषा तलाल अब्दो महदी के साथ एक महीने की छुट्टी पर अपने घर केरल पहुंची थी.
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दिया की रकम देकर मिल सकती है माफी
तलाल अब्दो महदी ने इसके बाद यमन पहुंचकर निमिषा का पति होने का दावा करने लगा. निमिषा की मां और उसके पति का आरोप है कि तलाल अब्दो महदी ने उसका पासपोर्ट जब्त कर लिया था और उसे प्रताड़ित भी करता था. निमिषा की मां ने इसके लिए अदालत का दरवाजा भी खटखटाया था. इसी बीच तलाल अब्दो महदी की मौत हो गई. यमन की जांच एजेंसियों का आरोप है कि निमिषा ने ही उसे बेहोशी की दवा इंजेक्शन दिया था, फिर असर न होने पर दवा का ओवरडोज देकर मार डाला.
इस मामले में निमिषा के परिवार के लोगों ने यमन के शीर्ष न्यायालय का भी रुख किया, लेकिन साल 2023 में उनकी याचिका खारिज हो गई थी. अब इस मामले में कई जानकारों का कहना है कि निमिषा और उसके परिवार के सदस्यों के पास एक ही रास्ता बचा है. वह पीड़ित परिवार और यमन के आदिवासी नेताओं माफी मांगे. साथ ही यमन समेत कई अरब देशो में शरिया कानून के तहत व्यवस्था है कि अगर पीड़ित का परिवार दिया की रकम लेकर माफी मिल दे सकता है, तो इससे मौत की सजा को रोका जा सकता है. इस दिया की रकम को ही ‘ब्लड मनी’ कहा जाता है.
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