Who is Narain Chaura: सुखबीर सिंह बादल पर हमला करने वाला कोई मामूली शख्स नहीं है. उसका कई संगीन मामलों नाम सामने आ चुका है.
Who is Narain Chaura: पंजाब से बुधवार को बहुत बड़ी सामने आई है. अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के प्रवेश द्वार पर शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल पर एक हमलावर ने गोली चला दी है.
इस हमले में वह बाल-बाल बच गए, लेकिन उन पर हमला करने वाला कोई मामूली शख्स नहीं है. पुलिस ने हमलावर की पहचान आतंकी रह चुके नारायण सिंह चौरा के रूप में की है.
डेरा बाबा नानक का रहने वाला है आतंकी
दरअसल, बुधवार की सुबह शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल पंजाब के अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर के बाहर पहरेदार के रूप में अपनी सेवा दे रहे थे. इसी दौरान सुखबीर सिंह बादल पर आतंकी रह चुके नारायण सिंह चौरा ने फायरिंग कर दी.
बता दें कि 68 साल के नारायण सिंह चौरा का कई संगीन मामलों नाम सामने आ चुका है. नारायण सिंह चौरा डेरा बाबा नानक का रहने वाला है. हमले के बाद पुलिस ने काबू कर लिया.
अमृतसर के पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने बताया कि सुखबीर सिंह बादल की सुरक्षा में तैनात जवानों ने नारायण सिंह चौरा को देख कर सतर्क हो गए. जैसे ही उनसे गन निकाली, वहां मौजूद जवानों और लोगों ने हमले को विफल कर दिया.
VIDEO | Punjab: A man opened fire at Shiromani Akali Dal leader Sukhbir Singh Badal at the entrance of Golden Temple, Amritsar. The person was overpowered by people present on the spot. More details are awaited.#PunjabNews #SukhbirSinghBadal
— Press Trust of India (@PTI_News) December 4, 2024
(Full video available on PTI… pic.twitter.com/LC55kCV864
2011 में घोषित किया गया फरार
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नारायण सिंह चौरा फिलहाल जमानत पर बाहर है. नारायण सिंह चौरा पर आरोप है कि उसने ही साल 2004 में बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकियों जगतार सिंह हवारा, परमजीत सिंह भेओरा और उनके साथी जगतार सिंह तारा और देवी सिंह जेल तोड़ फरार होने में मदद की थी.
यह सभी आरोपी पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के दोषी ठहराए गए थे, जो जेल में सुरंग खोदकर भाग गए थे. इस मामले में नारायण सिंह चौरा जेल भी जा चुका है.
जमानत पर बाहर आने के बाद साल कोर्ट में पेश होना बंद कर दिया. इस कारण साल 2011 में उसे फरार घोषित किया गया था. इसके बाद वह साल 2013 में फिर से गिरफ्तार हो गया. इस दौरान पुलिस ने उस पर कुल10 लाख रुपये के इनाम भी रखा था.
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दर्जनों मामलों रह चुका है वॉन्टेड
बता दें कि अमृतसर पुलिस थाने में एक्सप्लोसिव्स एक्ट के तहत साल 2010 में मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में उसे साल 2018 में जमानत मिल गई थी.
इस दौरान वह आतंकी गतिविधियों से जुड़े दर्जनों मामलों में पंजाब पुलिस के लिए वॉन्टेड था. मीडिया रिपोर्ट्स में पुलिस ने हवाले से दावा किया है कि नारायण सिंह चौरा पाकिस्तान भी जा चुका है. पाकिस्तान से हथियारों और विस्फोटकों की तस्करी में भी शामिल रहा.
दावा किया जाता है कि पाकिस्तान में ही उसने कथित तौर पर गुरिल्ला युद्ध पर एक किताब भी लिखी है. उसे कथित तौर पर अकाल फेडरेशन और खालिस्तान लिबरेशन फोर्स का सदस्य भी माना जाता है. अब माना जाता है कि वह वह खालिस्तान समर्थक दल खालसा के साथ सक्रिय है.
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