Waqf Board Amendment Bill 2025: वक्फ संशोधन विधेयक पर JPC की रिपोर्ट को लोकसभा और राज्यसभा में पेश करने के बाद मचा हंगामा.
Waqf Board Amendment Bill 2025: बजट सत्र के पहले चरण के आखिरी दिन संसद में भारी हंगामा देखने को मिला. दरअसल, यह हंगामा वक्फ संशोधन विधेयक पर JPC यानी संसद की संयुक्त समिति की रिपोर्ट को लोकसभा और राज्यसभा में पेश करने के बाद मचा. लोकसभा में JPC चेयरमैन और BJP सांसद जगदंबिका पाल ने पेश किया. वहीं, राज्यसभा में BJP सदस्य मेधा कुलकर्णी ने इसकी रिपोर्ट पेश की. इस पर विपक्षी दलों ने जमकर हमला बोला.
दोनों सदनों में विपक्ष ने जताई असहमति
वक्फ संशोधन विधेयक पर JPC की रिपोर्ट पर दोनों सदनों में विपक्ष ने असहमति जताई है. विपक्ष ने आरोप लगाया कि JPC रिपोर्ट में से विपक्ष की असहमतियों को डिलीट कर दिया गया है. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि JPC की रिपोर्ट फर्जी है और यह असंवैधानिक है.
AAP यानी आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि हमने अपना पक्ष रखा था. इस पर सहमती या असहमती हो सकती है, लेकिन कूड़ेदान में कैसे डाल सकते हैं.
'वक़्फ़ संशोधन बिल' पर AAP राज्यसभा सांसद @SanjayAzadSln जी ने सदन में रखीं अपनी बात:
— AAP (@AamAadmiParty) February 13, 2025
“हमने इस बिल पर अपना पक्ष रखा था, आप उस पर सहमत और असहमत हो सकते हैं लेकिन आप उसे कूड़े दान में कैसे डाल सकते हैं?
आज आप वक़्फ़ की ज़मीन पर क़ब्ज़ा कर रहे हैं, कल आप गुरुद्वारे, मंदिर और चर्च… pic.twitter.com/cyTorNVwpT
इस मामले पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि विपक्ष के कुछ सदस्यों ने आपत्ति जताई है कि उनकी राय को इसमें नहीं जोड़ा गया. मैं कहना चाहता हूं कि विपक्ष के सदस्य संसदीय कार्य प्रणाली के तहत अगर कुछ जोड़ना चाहते हैं, तो वह जोड़ सकते हैं.
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी को इसमें किसी भी तरह की आपत्ति नहीं है. बता दें कि विपक्षी सदस्यों ने जमकर नारेबाजी भी की. साथ ही विपक्षी सदस्य जगदम्बिका पाल के खिलाफ नारे लगाते हुए सदन से चले गए. इसके बाद लोकसभा की कार्यवाही 10 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी गई.
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रिपोर्ट पढ़ने के लिए नहीं दिया गया समय
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि 655 पन्नों वाली JPC की रिपोर्ट पढ़ने के लिए हमें केवल एक रात दी गई. वहीं, AIMIM यानि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस पर कड़ा विरोध जताया. उन्होंने कहा कि यह बिल असंवैधानिक है, जो संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 29 का उल्लंघन करता है.
उन्होंने दावा किया कि यह वक्फ संपत्तियों को बचाने के लिए नहीं, बल्कि उन्हें मुस्लिमों से छीनने के लिए लाया गया है. समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने कहा कि सरकार मनमाने तरीके से यह विधेयक ला रही है.
संसद में वर्तमान बजट सत्र के पहले चरण का गुरुवार को आखिरी कामकाजी दिन था. समिति की रिपोर्ट बीते 30 जनवरी को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंपी गई थी. इस रिपोर्ट को बहुमत से स्वीकार किया गया था. वक्फ संशोधन विधेयक पर संसद की संयुक्त समिति ने मसौदा कानून पर रिपोर्ट को 15-11 बहुमत से अपनाया था.
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