Waqf Bill J&K: हंगामे की शुरुआत तब हुई, जब नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी के विधायकों ने वक्फ बिल के खिलाफ स्थगन प्रस्ताव पेश करने की मांग की.
Waqf Bill J&K: जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सोमवार को वक्फ विधेयक 2024 को लेकर जमकर हंगामा हुआ. इस मुद्दे पर सत्ताधारी नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और विपक्षी बीजेपी के विधायकों के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली, जिसके चलते सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी. विधायकों की नारेबाजी, कागज फाड़ने और कोट लहराने की घटनाओं ने माहौल को और तनावपूर्ण बना दिया.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायकों का जोरदार हंगामा
हंगामे की शुरुआत तब हुई, जब नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी के विधायकों ने वक्फ बिल के खिलाफ स्थगन प्रस्ताव पेश करने की मांग की. नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक मुबारक गुल और पीडीपी के वहीद पारा ने इस बिल को मुस्लिम समुदाय की धार्मिक स्वायत्तता पर हमला करार दिया. उनका कहना था कि केंद्र सरकार द्वारा पारित यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में हस्तक्षेप करता है और जम्मू-कश्मीर जैसे संवेदनशील राज्य के लिए यह अस्वीकार्य है. विधायकों ने इसे “संविधान विरोधी” बताते हुए जोरदार विरोध दर्ज किया.
बीजेपी विधायकों ने किया स्थगन प्रस्ताव का विरोध
दूसरी ओर, बीजेपी विधायकों ने इस प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया. बीजेपी विधायक शमशेर सिंह और सुनील शर्मा ने कहा कि वक्फ बिल का मकसद संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता लाना और दुरुपयोग रोकना है. उन्होंने विपक्ष पर “राजनीतिक ड्रामा” करने और लोगों को भड़काने का आरोप लगाया. विरोध के दौरान बीजेपी विधायकों ने “जय श्री राम” के नारे लगाए, जिसके जवाब में नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी के विधायकों ने भी नारेबाजी तेज कर दी.
स्पीकर ने खारिज कर दिया प्रस्ताव
हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर ने स्थगन प्रस्ताव को खारिज कर दिया. उन्होंने विधानसभा नियम 58 का हवाला देते हुए कहा कि चूंकि यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है, इसलिए इस पर चर्चा नहीं हो सकती. इस फैसले से सत्ताधारी गठबंधन के विधायक भड़क गए. कई विधायकों ने कागज फाड़े और कुछ ने अपने कोट लहराकर विरोध जताया. हंगामा इतना बढ़ गया कि अध्यक्ष को पहले 15 मिनट और फिर दिन भर के लिए कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी.
वक्फ बिल क्या है?
वक्फ विधेयक, 2024 को केंद्र सरकार ने पिछले साल संसद में पेश किया था और हाल ही में इसे पारित किया गया. यह बिल वक्फ बोर्ड के कामकाज में सुधार, संपत्तियों का डिजिटलीकरण और गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करने जैसे प्रावधानों की बात करता है. हालांकि, विपक्षी दलों का आरोप है कि यह मुस्लिम समुदाय के अधिकारों को कमजोर करने की कोशिश है.
हम इस बिल के खिलाफ हैं: मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, “हम इस बिल के खिलाफ हैं और इसे जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं होने देंगे. यह हमारी पहचान और अधिकारों पर हमला है.” वहीं, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रविंदर रैना ने कहा, “विपक्ष बेवजह मुद्दे को तूल दे रहा है. यह बिल देश के लिए जरूरी है और इसमें कुछ भी गलत नहीं है.”
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