Ghaziabad Jail: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद की डासना जेल के कैदियों को हुनरमंद बनाया जा रहा है ताकि जेल से निकलने के बाद वे रोजी-रोटी कमा सकें.
11 May, 2024
Ghaziabad Jail: यूपी के गाजियाबाद की डासना जेल में ऐसा काम किया जा रहा है जिसे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे. दरअसल, गाजियाबाद की डासना जेल के कैदियों को हुनरमंद बनाया जा रहा है. ऐसा इसलिए ताकि जेल से निकलने के बाद वे रोजी-रोटी कमा सकें. इसी के तहत उन्हें बेसिक कंप्यूटर स्किल्स की ट्रेनिंग दी जा रही है.
सर्टिफिकेट भी मिलता है
इस बारे में डासना जेल के सुपरिटेंडेंट आलोक कुमार सिंह ने कहा- कौशल विकास के लिए केवल हम लोग कम्प्यूटर ही नहीं, इसके अलावा कई क्षेत्र हैं, जिसमें हम कैदियों को प्रशिक्षित कर रहे हैं. इससे वो रिहा होने के बाद आजीविका कमा सकें, अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें और समाज में एक अच्छे नागरिक की तरह योगदान दे सकें. योग्यतानुसार जो कम्प्यूटर सीखने के लायक हैं, हम उन्हें चुनते हैं. उन्हें इंडिया विजन फाउंडेशन और एचसीएल के सहयोग एनआईआईटी का सर्टिफिकेट प्रदान करते हैं.
महिला कैदियों ने भी सीखा कंप्यूटर
आपको बता दें के जेल प्रशासन इस ट्रेनिंग प्रोग्राम को एनजीओ इंडिया विजन और एचसीएल के सहयोग से चला रहा है. इस फाउंडेशन के मैनेजर प्रीतेश सिंह ने कहा- “जेल प्रशासन के द्वारा जो सपोर्ट मिला है, उसके माध्यम से ही हम जेल में काम कर पाते हैं. इंडिया विजन फाउंडेशन है 2014 से लगातार अच्छा काम कर रहा है. वहीं, ट्रेनिंग प्रोग्राम से जुड़े कई कंप्यूटर इंस्ट्रक्टर जेल में सजा काट रहे कैदी ही हैं. वे कंप्यूटर से जुड़ी अपनी जानकारी को दूसरे कैदियों के साथ शेयर कर रहे हैं. पिछले एक साल में 220 से ज्यादा कैदियों ने बेसिक कंप्यूटर स्किल्स में ट्रेनिंग हासिल की है. इनमें 60 महिला कैदी शामिल हैं.
यह भी पढ़ें : Mother’s Day: पहले सास और फिर पति को खोया, वो महिला जो प्रधानमंत्री बनते-बनते रह गई