Home National ‘मुफ्त की योजनाओं के कारण काम नहीं करना चाहते लोग’, SC ने Freebies पर सुनाई खरी-खरी

‘मुफ्त की योजनाओं के कारण काम नहीं करना चाहते लोग’, SC ने Freebies पर सुनाई खरी-खरी

by Divyansh Sharma
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Supreme Court On Freebies: कोर्ट ने कहा कि मुफ्त राशन देने की वजह से लोग काम करना नहीं चाहते हैं. साथ ही बिना कुछ किए उन्हें पैसे भी दिए जा रहे हैं.

Supreme Court On Freebies: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को चुनाव के वक्त की जाने वाली मुफ्त की योजनाओं के वादे यानि फ्रीबीज पर बहुत बड़ी टिप्पणी की है. सुप्रीम कोर्ट ने यहां तक कह दिया कि मुफ्त राशन देने की वजह से लोग काम करना नहीं चाहते हैं. साथ ही बिना कुछ किए उन्हें पैसे भी दिए जा रहे हैं. जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ड मसीह की बेंच शहरी इलाकों में बेघर लोगों को आसरा दिए जाने की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की है.

केंद्र सरकार से मांगा जवाब

जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ड मसीह ने फ्रीबीज पर कहा कि फ्रीबीज से क्या हम परजीवियों का एक वर्ग तैयार नहीं कर रहे हैं. हम लोगों की परेशानी समझते हैं, लेकिन क्या यह अच्छा नहीं होगा कि ऐसे लोगों को मुख्यधारा का और उन्हें देश के विकास का हिस्सा बनाया जाए. बेच ने केंद्र सरकार की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल से कहा कि कितने समय में शहरी गरीबी उन्मूलन मिशन पूरा होगा.

साथ ही कहा कि केंद्र सरकार से इसका जवाब मांगिए और हमें बताइए. जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि चुनाव से ठीक पहले घोषित की जाने वाली मुफ्त योजनाओं के कारण लोग काम करने के लिए तैयार नहीं हैं. क्योंकि लोगों को बिना काम किए मुफ्त राशन और पैसा मिल रहा है. याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि देश में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जो काम न करना चाहे, यदि उसके पास काम हो.

यह भी पढ़ें: Freebies Case: फ्रीबीज पर SC ने जारी किया नोटिस, केंद्र सरकार-चुनाव आयोग से मांगा जवाब

याचिकाकर्ता पर भड़की बेंच

इस पर बेंच ने कहा कि आपको केवल एकतरफा जानकारी है. मैं कृषि परिवार से आता हूं. महाराष्ट्र में चुनाव से पहले घोषित मुफ्त सुविधाओं के कारण किसानों को मजदूर नहीं मिल रहे हैं. सुनवाई के दौरान एक याचिकाकर्ता ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बेघर लोगों के मुद्दे पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. साथ ही दावा किया कि अधिकारी केवल अमीरों के प्रति दया दिखाते हैं, गरीबों के प्रति नहीं.

इस पर बेंच ने कहा कि कोर्ट में रामलीला मैदान का भाषण मत दीजिए और अनावश्यक आरोप मत लगाइए. यहां कोई राजनीतिक भाषण मत दीजिए. हम कोर्ट रूम को युद्ध का मैदान नहीं बनने नहीं देंगे. इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल दिसबंर में कहा था कि कब तक ऐसे मुफ्त राशन बांटा जाएंगे. सरकार रोजगार के अवसर क्यों नहीं पैदा कर रही है? उस समय कोर्ट मजदूरों को मुफ्त राशन कार्ड दिए जाने के मामले पर सुनवाई कर रही थी.

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