मोदी सरकार का मानना है कि महिलाओं की मजबूती से ही विकसित भारत का सपना साकार किया जा सकता है. इसी के तहत केंद्र सरकार पूरे देश में ‘सशक्त पंचायत-नेत्री अभियान’ शुरू करने जा रही है.
NEW DELHI: मोदी सरकार का मानना है कि महिलाओं की मजबूती से ही विकसित भारत का सपना साकार किया जा सकता है. इसी के तहत केंद्र सरकार पूरे देश में ‘सशक्त पंचायत-नेत्री अभियान’ शुरू करने जा रही है. इसका शुभारंभ 4 मार्च को विज्ञान भवन नई दिल्ली में आयोजित कार्यशाला में किया जाएगा. कार्यशाला का आयोजन पंचायती राज मंत्रालय कर रहा है. पंचायती राज मंत्रालय पंचायती राज संस्थाओं की महिला निर्वाचित प्रतिनिधियों की एक राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित कर रहा है.
‘सशक्त पंचायत-नेत्री अभियान’ केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण पहल है जिसका उद्देश्य पूरे देश में पंचायती राज संस्थाओं की महिला निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए क्षमता निर्माण को सशक्त करना है. यह उनकी नेतृत्व क्षमता, निर्णय लेने की क्षमताओं को बढ़ाने और जमीनी स्तर पर शासन में उनकी भूमिका को मजबूत करने पर केंद्रित है.
मालूम हो कि ग्रामीण स्थानीय शासन में महिला निर्वाचित प्रतिनिधियों की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानते हुए पंचायती राज मंत्रालय ने उनकी नेतृत्व क्षमता को बढ़ाने और निर्णय लेने में उनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए एक रणनीति तैयार की है. इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में अलग-अलग पृष्ठभूमि से 1,200 से अधिक पंचायत महिला नेता भाग लेंगी.
कार्यशाला में विशिष्ट प्रशिक्षण मॉड्यूल के जरिए महिलाओं को दी जाएगी ट्रेनिंग
इस कार्यशाला में महिला निर्वाचित प्रतिनिधियों की क्षमता निर्माण के लिए विशिष्ट प्रशिक्षण मॉड्यूल का भी शुभारंभ किया जाएगा, साथ ही पंचायत निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए लिंग आधारित हिंसा और हानिकारक प्रथाओं से निपटने के लिए कानून पर भी प्रशिक्षण दिया जाएगा. राष्ट्रीय कार्यशाला में स्थानीय शासन में महिलाओं की भागीदारी से संबंधित महत्वपूर्ण विषयों पर भी चर्चाएं होंगी, जैसे “पीआरआई में महिलाओं की भागीदारी और नेतृत्व: स्थानीय स्वशासन में भूमिका में बदलाव”.
इस कार्यशाला में यह बताया जाएगा कि महिला प्रतिनिधित्व में वृद्धि ग्रामीण शासन को कैसे नया रूप दे रही है. यह राष्ट्रीय कार्यशाला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जिसे ‘मन की बात’ के 119वें एपिसोड में बताया गया था, जिसमें राष्ट्र निर्माण में ‘नारी शक्ति’ की भूमिका पर जोर दिया गया था. यह पहल ग्राम पंचायतों को सुरक्षित, समावेशी, लिंग-संवेदनशील और सामाजिक रूप से न्यायसंगत बनाने में सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जो देश में महिलाओं और लड़कियों की समृद्धि के लिए अनुकूल वातावरण सुनिश्चित करती है.
ये भी पढ़ेंः CM योगी गंभीर: हादसे में नहीं जाएगी किसी घायल की जान, एक्सप्रेस-वे किनारे बनेंगे अस्पताल व मिलेगा इलाज