मोहाली की सीबीआई अदालत ने 2007 के मोगा सेक्स स्कैंडल में शामिल पंजाब पुलिस के चार अधिकारियों को पांच साल की सजा सुनाई है.
Punjab: मोहाली की सीबीआई अदालत ने 2007 के मोगा सेक्स स्कैंडल में शामिल पंजाब पुलिस के चार अधिकारियों को पांच साल की सजा सुनाई है. एसएसपी दविंदर सिंह गरचा, तत्कालीन एसपी (मुख्यालय) परमदीप सिंह संधू, तत्कालीन मोगा एसएचओ रमन कुमार और इंस्पेक्टर अमरजीत सिंह को जेल भेजा गया. साथ ही सभी पर अलग-अलग दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.
पंजाब पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों और प्रभावशाली लोगों ने कथित तौर पर जबरन वसूली के मकसद से व्यापारियों और राजनेताओं को बलात्कार के मामलों में फंसाने के लिए महिलाओं का शोषण किया था.पंजाब के चर्चित 18 साल पुराने मोगा सेक्स स्कैंडल मामले में दोषी पंजाब पुलिस के चार अधिकारियों को सोमवार को मोहाली सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा सजा सुनाई गई.मोहाली स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने मोगा सेक्स स्कैंडल मामले में पंजाब के चार पूर्व पुलिस अधिकारियों को पांच-पांच साल की सजा सुनाई है.
दोषियों पर अदालत ने दो-दो लाख रुपये जुर्माना भी लगाया
दोषियों में तत्कालीन एसएसपी दविंदर सिंह गरचा, पूर्व एसपी हेडक्वार्टर मोगा परमदीप सिंह संधू, मोगा सिटी थाने के पूर्व एसएचओ रमन कुमार और मोगा के सिटी पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर अमरजीत सिंह शामिल हैं. दोषियों पर अदालत ने दो-दो लाख रुपये जुर्माना भी लगाया है. वहीं सीबीआई कोर्ट ने पूर्व एसएचओ रमन कुमार को फिरौती एक्ट की धाराओं के तहत तीन साल की अतिरिक्त सजा और एक लाख रुपये जुर्माना किया है. दोषियों के खिलाफ रणजीत सिंह ने अदालत में केस दायर किया था. वहीं मामले में अकाली नेता तोता सिंह के बेटे आरोपी बरजिंदर सिंह उर्फ मक्खन और सुखराज सिंह को बरी किया गया है.
क्या था मोगा सेक्स स्कैंडल
2007 में राज्य में अकाली-भाजपा सरकार के समय यह मामला सामने आया था . मोगा के थाना सिटी ने जगरांव के एक गांव की लड़की की शिकायत पर गैंगरेप का मामला दर्ज किया था. इसके बाद पीड़िता के बयान दर्ज किए. इसमें उसने करीब 50 अज्ञात लोगों पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था. आरोप है कि पुलिस अधिकारियों ने इस केस की जांच में ब्लैकमेलिंग करनी शुरू कर दी थी. उन्होंने केस में कई व्यापारियों और राजनेताओं के नाम जोड़ दिए.
इसी दौरान मोगा के भागी गांव के रंजीत सिंह ने एसएचओ अमरजीत सिंह द्वारा 50 हजार रुपये मांगने की ऑडियो रिकॉर्ड कर ली. उसको धमकी दी गई थी कि रुपये न देने पर उसे दुष्कर्म के मामले में उसे गिरफ्तार कर लेंगे. रंजीत ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) को इसकी शिकायत की.
इसके बाद यह मामला चर्चा में आ गया था. जब इस मामले में राजनेताओं और व्यापारियों के नाम आने लगे और मीडिया में यह केस सुर्खियां बनने लगा तो 12 नवंबर 2007 को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने इस मामले का खुद ही संज्ञान लिया. साथ ही पुलिस ने इस मामले की रिपोर्ट मांगी. इसके बाद सारे केस की जांच करने के बाद हाईकोर्ट ने मामला सीबीआई को सौंप दिया था.
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