Sharda Sinha: शारदा सिन्हा का गुरुवार को पटना स्थित गुलबी घाट पर अंतिम संस्कार किया जाएगा. इस बीच उनके बेटे ने पद्म विभूषण से सम्मानित करने की मांग की है.
Sharda Sinha: छठ गीत ‘उग हो सुरुज देव’ से अपनी अलग पहचान बनाने वाली बिहार की लोक गायिका शारदा सिन्हा का मंगलवार (5 नवंबर) को निधन हो गया.
गुरुवार (7 नवंबर) को राजकीय सम्मान के साथ पटना स्थित गुलबी घाट पर पंचतत्व में विलीन होंगी. इस बीच उनके बेटे ने बड़ी मांग की है.
उन्होंने पत्रकारों के साथ बात करते हुए कहा कि देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से मरणोपरांत सम्मानित किया जाना चाहिए.
पद्म श्री-पद्म भूषण से किया गया है सम्मानित
दरअसल, मंगलवार (5 नवंबर) को दिल्ली स्थित AIIMS में बिहार की लोक गायिका शारदा सिन्हा ने 71 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली. इसके बाद दिल्ली से उनके पार्थिव शरीर को उनके पटना के राजेंद्र नगर स्थित आवास पर ले जाया गया.
इसके बाद वहां मौजूद पत्रकारों के साथ बात करते हुए उनके बेटे अंशुमान सिन्हा ने बुधवार को कहा कि उनकी दिवंगत मां को देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया जाना चाहिए.
अंशुमान सिन्हा ने कहा कि उनकी मां ने बहुत कुछ किया किया है इससे ख्याति पूरे देश में फैल गई. उन्होंने जोर देकर कहा कि हमें किसी बात की शिकायत नहीं है, लेकिन हम सभी को ऐसा लगता है कि उन्हें पद्म विभूषण मिलना चाहिए था.
बता दें कि शारदा सिन्हा को पद्म श्री और पद्म भूषण से सम्मानित किया जा चुका है. इसके अलावा संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, राष्ट्रीय अहिल्या देवी अवॉर्ड और बिहार सरकार पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है.
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पटना के गुलबी घाट पर होगा अंतिम संस्कार
शारदा सिन्हा के बेटे ने कहा कि मेरी मां ऐसी नहीं थीं कि जो कभी किसी से शिकायत करतीं. हमने भी उनसे सीखा कि जो हमारे पास है उसी में खुश रहना चाहिए.
उन्होंने आगे कहा कि लेकिन हम जानते हैं कि सरकार लोगों को मृत्यु के बाद भी सम्मान दे सकती है. ऐसे में अगर मेरी मां को मरणोपरांत पद्म विभूषण दिया जाता है, तो यह लाखों प्रशंसकों के लिए खुशी की बात होगी.
अंशुमान सिन्हा ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से उनकी मां ने कठिन लड़ाई लड़ी, लेकिन वह जीत नहीं पाई.
बता दें कि गुरुवार (7 नवंबर) को राजकीय सम्मान के साथ पटना स्थित गुलबी घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. संयोग से गुरुवार को ही छठ पर्व का पहला दिन है, जिसके भजन से उन्होंने अपनी और बिहार की देश के साथ विदेश में भी पहचान बनाई.
बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा, RJD नेता लालू यादव ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है.
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