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Sharda Sinha: बेगूसराय से शुरू हुआ संगीत का सफर, जानिए 2016 में कौन से गाने ने मचा दिया था तहलका

by Rashmi Rani
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Sharda Sinha Death: बिहार के बेगूसराय से शुरू हुआ संगीत का सफर, जानिए 2016 में कौने से गाने ने मचा दिया था तहलका Sharda Sinha Death The journey of music started from Begusarai

Sharda Sinha Death: लोक गायिका शारदा सिन्हा के मौत के बाद से न केवल बिहार बल्कि पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है. उनके गीतों के बीना छठ महापर्व अधूरा माना जाता है.

Sharda Sinha Death: लोक गायिका शारदा सिन्हा के मौत के बाद से न केवल बिहार बल्कि पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है. उनके गीतों के बीना छठ महापर्व अधूरा माना जाता है. ‘केलवा के पात पर उगलन सूरजमल झुके झुके’ और ‘सुनअ छठी माई’ जैसे कई प्रसिद्ध छठ गीत उन्होंने गाए हैं. उनके गीत अमेरिका तक में भी सुने जाते हैं. मंगलवार रात को उन्होंने दिल्ली के एम्स अस्पताल में अंतिम सांस ली. अहम बात यह है कि मंगलवार को छठ महापर्व का पहला दिन भी था.

हर साल छठ पूजा के गीत करती थी रिलीज

शारदा सिन्हा एक प्रशिक्षित शास्त्रीय गायिका थी. उन्होंने अपने कई गीतों में लोक का मिश्रण किया और जिन्हें अक्सर ‘मिथिला की बेगम अख्तर’ कहा जाता था. शारदा सिन्हा हर साल छठ पूजा के मौके पर एक गीत जारी करती थीं. अपनी खराब सेहत के बावजूद उन्होंने इस साल भी एक गीत ‘दुखवा मिटायिन छठी मैया’ जारी किया. अपने आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर उन्होंने इस गाने को रिलीज किया.

बचपन से ही संगीत में थी रुचि

शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर 1952 को बिहार के सुपौल जिले में हुआ था. बचपन से ही उनकी संगीत में गहरी रुचि थी. उन्होंने गांव के खेतों से लेकर बड़े मंचों तक का लंबा सफर तय किया. शारदा सिन्हा अपने छठ पूजा के गीतों के लिए मशहूर हैं. अपनी मेहनत और लगन से उन्होंने भारतीय संगीत जगत में अपनी एक अलग पहचान बनाई है.

मैथिली लोकगीतों के प्रति अपनी रुचि विकसित की

लोक गायिका के संगीत का सफर अपने ससुराल बिहार के बेगूसराय जिले के सिहमा गांव से शुरू हुआ. ऐसा कहा जाता है कि यहीं पर उन्होंने मैथिली लोकगीतों के प्रति अपनी रुचि विकसित की और फिर उनके संगीत कर‍ियर की शुरूआत हुई. शारदा सिन्हा ने न केवल मैथिली, बल्कि भोजपुरी, मगही और हिंदी संगीत में भी अपनी आवाज दी है. पहली बार इलाहाबाद में आयोजित बसंत महोत्सव में शारदा सिन्हा को गाने का मौका मिला था, जहां उन्होंने अपने गीतों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया था. इसके बाद प्रयाग संगीत समिति ने उनकी प्रतिभा को पहचानते हुए उन्हें मंच पर गाने का अवसर दिया.

संगीत जगत में तहलका मचा दिया

वैसे तो शारदा सिन्हा ने छठ पूजा के कई गीत गाए हैं, लेकिन साल 2016 में उन्होंने ‘सुपवा ना मिले माई’ और ‘पहिले पहिल छठी मैया’ जैसे दो गाने रिलीज किए, जिसने एकबार फिर संगीत जगत में तहलका मचा दिया. छठ पूजा की महत्ता को इस गीत ने एक बार फिर लोगों के दिलों में जिंदा कर दिया. शारदा सिन्हा की आवाज ने छठ पूजा के धार्मिक अवसर को और भी गहरा बना दिया.

शारदा सिन्हा के कुछ मशहूर गीत

  • ‘कांच ही बांस के बहंगिया बहंगी लचकत जाए’
  • ‘केलवा के पात पर उगे लन सुरुजमल झांके झुके’
  • ‘पनिया के जहाज से पलटनिया बनी अइह पिया’
  • ‘तार बिजली से पतले हमारे पिया’
  • ‘कहे तोसे सजना, ये तोहरी सजनिया’
  • ‘सुपवा ना मिले माई’
  • ‘पहिले पहिल छठी मैया’
  • ‘सुनअ छठी माई’

यह भी पढ़ें : शारदा सिन्हा के निधन पर PM मोदी ने जताया शोक, UP-दिल्ली से लेकर इन दिग्गजों ने दी श्रद्धांजलि

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