Sajjan Kumar And Anti Sikh Riots: कोर्ट ने हत्या, हथियार से लैस होकर दंगा और गैर इरादतन हत्या का प्रयास समेत कई धाराओं के तहत आरोप तय किए थे.
Sajjan Kumar And Anti Sikh Riots: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को बहुत बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने पूर्व कांग्रेस सांसद सज्जन कुमार को सिख दंगे के एक और केस में उम्रकैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने 12 फरवरी को दंगे से जुड़े मामले में दोषी करार दिया गया था. कोर्ट ने हत्या, हथियार से लैस होकर दंगा और गैर इरादतन हत्या का प्रयास समेत कई धाराओं के तहत दोषी करार दिया था. अब कोर्ट 25 फरवरी को सज्जन कुमार के खिलाफ सजा सुनाई है.
मामले की टाइम लाइन
- 1991: मामले में प्राथमिकी दर्ज.
- 8 जुलाई, 1994: दिल्ली की अदालत ने अभियोजन शुरू करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं पाए. मामले में सज्जन कुमार के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल नहीं किया गया.
- 12 फरवरी, 2015: सरकार ने SIT गठित की
- 21 नवंबर, 2016: SIT ने अदालत को सूचित किया कि मामले में आगे जांच की आवश्यकता है.
- 6 अप्रैल, 2021: सज्जन कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया.
- 5 मई, 2021: पुलिस ने आरोपपत्र दाखिल किया.
- 26 जुलाई: अदालत ने आरोपपत्र पर संज्ञान लिया.
- 1 अक्टूबर: अदालत ने आरोपों पर दलीलें सुनना शुरू किया.
- 16 दिसंबर: अदालत ने हत्या, दंगा और अन्य अपराधों के आरोप तय किए.
- 31 जनवरी, 2024: अदालत ने अंतिम दलीलें सुनना शुरू किया.
- 8 नवंबर: अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा.
- 12 फरवरी, 2025: अदालत ने सज्जन कुमार को दोषी ठहराया, सजा की अवधि पर बहस के लिए अगली तारीख तय की.
- कोर्ट ने 21 फरवरी को सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया.
- 25 फरवरी, 2025: सज्जन कुमार को उम्रकैद की सजा दी गई.
फिलहाल तिहाड़ जेल में ही बंद हैं पूर्व सांसद
राउज एवेन्यू कोर्ट की विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने यह मंगलवा को फैसला सुनाया. दरअसल, यह पूरा मामला साल 1984 में सिख विरोधी दंगों से जुड़ा हुआ है. दंगों के दौरान भीड़ ने पिता-पुत्र की हत्या कर दी थी. प्रॉसिक्यूशन पक्ष के मुताबिक 1 नवंबर 1984 को पश्चिमी दिल्ली के राज नगर निवासी एस जसवंत सिंह और उनके बेटे एस तरुण दीप सिंह की हजारों लोगों की भीड़ ने हत्या कर दी थी. इस दौरान सज्जन कुमार बाहरी दिल्ली से सांसद चुने गए थे.
इस भीड़ का नेतृत्व पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार कर रहे थे. इस मामले में पहली बार साल 2015 में गृह मंत्रालय ने जांच के लिए SIT यानि विशेष जांच दल का गठन किया था. इसके बाद साल 2018 में दिल्ली हाईकोर्ट की डबल बेंच ने कांग्रेस नेता को हिंसा कराने और दंगा भड़काने के मामले में दोषी पाया था. इस दौरान उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई थी और फिलहाल वह तिहाड़ जेल में सजा काट रहे हैं. बता दें कि साल 2021 में सज्जन कुमार के खिलाफ हत्या, दंगा, घातक हथियार से लैस होकर और डकैती की सुसंगत धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था.
3 केस में से एक में हो चुके हैं बरी, 2 में दोषी करार
बता दें कि सज्जन कुमार को दिल्ली कैंट के पालम कॉलोनी में 5 सिखों की हत्या के बाद गुरुद्वारा जलाने के मामले में भी दोषी पाया गया था. दिल्ली हाई कोर्ट ने 17 दिसंबर 2018 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. वह फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं. दूसरा मामला सरस्वती विहार में सरदार जसवंत सिंह और उनके बेटे तरुणदीप से जुड़ा हुआ है, जिसमें उन्हें हाल में सजा सुनाई गई है. वहीं, दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के सुल्तानपुरी में 3 सिखों की हत्या मामले में सज्जन कुमार को साल 2023 में बरी कर दिया था. दंगे के मामले की जांच कर रही CBI ने गवाह के हवाले से बताया था कि सज्जन सिंह भीड़ को दंगे के दौरान भड़का रहे थे.
यह भी पढ़ें: सिख दंगे के एक और केस में सज्जन कुमार दोषी करार, 18 फरवरी को सजा, जानें पूर्व सांसद की कहानी
यह भी पढ़ें: पाकिस्तान में भी है भगवान शिव के आंसुओं से बना तालाब, 5000 साल पुराने मंदिर पहुंचे हिंदू
Follow Us On: Facebook | X | LinkedIn | YouTube | Instagram