ISRO News : ISRO की तरफ से स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट सफलतापूर्व लॉन्च कर दिया गया है. इस मुद्दे पर सैक-इसरो के निदेशक ने कहा कि यह चंद्रयान-4 के लिए सफलता की कड़ी है.
ISRO News : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने मंगलवार को अंतरिक्ष डॉकिंग क्षमता का प्रदर्शन करने के लिए दो अंतरिक्ष यान ले जाने वाली पीएसएलवी-सी60 का सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया. इसी बीच सैक-इसरो के निदेशक और साइंटिस्ट निलेश एम देसाई ने कहा कि चंद्रयान-4 मिशन के लिए स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट सफलता की कड़ी है. इस मिशन का उद्देश्य अंतरिक्ष में डॉकिंग तकनीक को बेहतर बनाना है जो भविष्य में भारतीय अंतरिक्ष मिशनों के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होगा.
आगामी मिशनों होगा तकनीक का इस्तेमाल
बताया जा रहा है कि चंद्रयान-4, गगनयान मिशन और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना करने लिए स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट का इस्तेमाल किया जाएगा. साथ ही लॉन्चिंग की सबसे ज्यादा जरूरत जटिल स्पेस ऑपरेशन के लिए एक महत्वपूर्ण क्षमता है. इसके अलावा तकनीक अंतरिक्ष यान कक्षा में रहते हुए संसाधनों को जोड़ने और ट्रांसफर्ड करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. वहीं, सैक-इसरो के निदेशक ने कहा कि चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग होने के बाद चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग की.
महत्वपूर्ण कदम होगा डॉकिंग एक्सपेरिमेंट
एम देसाई ने आगे कहा कि अंतरिक्ष में इस बार हम मिट्टी के नमूने इकट्ठा करेंगे और उसके बाद गहनता के साथ जांच करेंगे. उन्होंने बताया कि अगर हम मिट्टी के नमूने पृथ्वी पर वापस लाना चाहते हैं तो चंद्रयान-4 के लिए डॉकिंग एक्सपेरिमेंट एक कड़ी के रूप में काम करेगा. चंद्रयान-4 तभी संभव होगा जब हम डॉकिंग एक्सपेरिमेंट को सफल करने में कामयाब होंगे. बता दें कि स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट को लॉन्च करने वाले मिशन का नाम स्पैडेक्स रखा गया है. वहीं, इसको लॉन्च करने के बाद ISRO ने कहा कि यह मिशन अंतरिक्ष में भारत के लिए मील का पत्थर साबित होगा.
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