RG Kar Case : आरजी कर मामले में पश्चिम बंगाल सरकार और सीबीआई ने कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है. दोनों ने अपनी याचिका में कहा है कि संजय रॉय को फांसी मिलनी चाहिए.
RG Kar Case : आरजी कर दुष्कर्म मामले में दो याचिकाओं पर सुनवाई के बाद कलकत्ता हाई कोर्ट ने सोमवार को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है. इस याचिका में सीबीआई और पश्चिम बंगाल सरकार ने निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी, जिसमें मृत्यु तक आजीवन कारावास की सजा के बदले आरजी कर अस्पताल में दुष्कर्म मामले में दोषी संजय रॉय के लिए फांसी की मांग की है. न्यायमूर्ति देबांगसु बसाक की अध्यक्षता वाली अदालत की खंडपीठ ने राज्य सरकार और सीबीआई दोनों का पक्ष सुना है. इस याचिका में तर्क दिया गया कि अपराध का एकमात्र दोषी संजय रॉय पर आया सियालदह सत्र कोर्ट का फैसला (20 जनवरी, 2025) अपर्याप्त था.
एजेंसी को अपील करने का अधिकार
CBI ने कोर्ट के सामने दावा किया कि मामले में जांच और अभियोजन एजेंसी है इसलिए सजा की अपर्याप्तता के आधार पर हाई कोर्ट में अपील करने का अधिकार उन्हीं के पास है. राज्य सरकार ने तर्क दिया कि सीबीआई के अलावा वह भी निचली अदालत की तरफ से दिए गए फैसले को चुनौती देने के लिए उच्च न्यायालय में अपील कर सकती है. वहीं, सीबीआई की तरफ से पैरवी करने उतरे महाधिवक्ता एस वी राजू ने तर्क दिया कि सारे मामले की जांच एजेंसी कर रही है और हाई कोर्ट के आदेश के बाद कोलकाता पुलिस ने मामले से संबंधित डॉक्यूमेंट एजेंसी को सौंप दिए हैं.
CBI को सौंप दिया गया था मामला
बता दें कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 9 अगस्त, 2024 को ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में संजय रॉय को सियालदह सत्र न्यायालय ने मृत्यु तक आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. उस दौरान सीबीआई का प्रतिनिधित्व करते हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता एस वी राजू ने कहा कि हाई कोर्ट द्वारा मामला सीबीआई को सौंपे जाने के बाद एजेंसी ने डॉक्टर के दुष्कर्म-हत्या मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी. उन्होंने आगे कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश पर कोलकाता पुलिस ने मामले से संबंधित कागजात सीबीआई को सौंप दिए.
20 जनवरी को सुनाई गई सजा
राजू ने बताया कि जांच एजेंसी ने 7 अक्टूबर, 2024 को ट्रायल कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल किया था और 4 नवंबर, 2024 को संजय रॉय के खिलाफ आरोप तय किए गए थे. उन्होंने न्यायमूर्ति मोहम्मद शब्बर रशीदी की खंडपीठ को बताया कि रॉय को सियालदह अदालत ने 18 जनवरी को दोषी ठहराया था और 20 जनवरी को सजा सुनाई गई थी.
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