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RG Kar Case: पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के खिलाफ दायर चार्जशीट में गंभीर आरोप, कॉन्ट्रैक्ट दिलाने में की थी मदद

by JP Yadav
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RG Kar Case: पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के खिलाफ दायर चार्जशीट में गंभीर आरोप, कॉन्ट्रैक्ट दिलाने में की थी मदद

RG Kar Case: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की ओर से दाखिल की गई आरजी कर केस में चार्जशीट पर सरकार की मंजूरी मिलने के बाद ही अदालत संज्ञान लेगी.

RG Kar Case: कोलकाता के आरजी कर कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष ने मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने पिछले दिनों दायर आरोपपत्र (charge sheet) में कहा है कि उसने अस्पताल के कांट्रैक्ट हासिल करने में दो कार्टेल की सहायता की थी. विशेष अदालत ने आरोपपत्र (charge sheet) को रिकॉर्ड पर लिया है, लेकिन इसका संज्ञान अब तक नहीं लिया है. इसके पीछे वजह यह है कि पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से संदीप घोष और दूसरे आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी नहीं दी गई है.

आरोपों के बाद दिया था संदीप घोष ने इस्तीफा

यहां पर बता दें कि संदीप घोष ने 12 अगस्त, 2024 को सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज कैंपस में महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के बाद संस्थान के प्रिंसिपल पद से इस्तीफा दे दिया था. CBI ने आरोप पत्र में संदीप घोष, मेडिकल कॉलेज के पूर्व हाउस स्टाफ आशीष कुमार पांडेय और मां तारा ट्रेडर्स के व्यवसायी बिप्लब सिंघा, हाजरा मेडिकल के सुमन हाजरा और ईशान कैफे के अफसर अली खान को नामजद किया है.

नियुक्ति में हुआ नियमों का उल्लंघन

सीबीआई प्रवक्ता ने कहा कि कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में कलकत्ता में माननीय हाई कोर्ट के आदेश पर ये मामला दर्ज किया गया था. उन्होंने यह भी बताया कि CBI ने आरोप लगाया है कि संदीप घोष और आशीष कुमार पांडेय ने नियमों का उल्लंघन कर कई डॉक्टरों को हाउस स्टाफ के रूप में नियुक्त किया है.

संदीप घोष ने कॉन्ट्रैक्ट में मदद की

सीबीआई ने अलीपुर में एक विशेष सीबीआई अदालत के समक्ष दायर अपने आरोप पत्र में आरोप लगाया है कि संदीप घोष ने अस्पताल के कई कांट्रैक्ट हासिल करने में दो कार्टेल, जिसमें एक सिंघा और दूसरा हाजरा की है और उसकी मदद की. उधर, स्पेशल जज ने कहा कि सावधानीपूर्वक अध्ययन करने पर पता चला कि सक्षम प्राधिकारी का मंजूरी आदेश अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है, इसलिए बिना मंजूरी के संज्ञान नहीं लिया जाता है. इसे रिकॉर्ड के साथ रखा जाए.

10 अगस्त को पहली बार मामला आया था संज्ञान में

यहां पर बता दें कि अस्पताल ने मीडिया का ध्यान तब खींचा जब 10 अगस्त, 2024 को महिला ट्रेनी डॉक्टर मृत पाई गई. ये सामने आया कि 9-10 अगस्त की मध्यरात्रि में आरोपित संजय रॉय ने उसके साथ कथित तौर पर दुष्कर्म किया और उसकी हत्या कर दी. वहीं जांच में कथित देरी के मामले में घोष भी जांच के दायरे में थे. उस बीच, कलकत्ता हाई कोर्ट ने उनके कार्यकाल के दौरान अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच का आदेश दिया था.

यह भी पढ़ें: Uttarkashi Mosque Dispute: हिंदू संगठनों की ‘महापंचायत’ से पहले उत्तरकाशी के रामलीला मैदान में बढ़ी सुरक्षा

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