Nithari Massacre : निठारी हत्याकांड में आरोपी सुरेन्द्र कोली को बरी किए जाने के खिलाफ दायर याजिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट 25 मार्च को सुनवाई करेगा. यही यूपी के निठारी में हुई ‘बहुत गंभीर और वीभत्स’ हत्याओं से जुड़ा मामला है.
Nithari Massacre : साल 2006 में हुए निठारी सीरियल हत्याकांड मामले में सुरेन्द्र कोली को बरी किए जाने के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट 25 मार्च, 2025 को सुनवाई करेगा. वहीं, जस्टिस बीआर गवई और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि यह केस यूपी के निठारी में हुई ‘बहुत गंभीर और वीभत्स’ हत्याओं से जुड़ा है. वहीं, दूसरी तरफ कोली के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल के खिलाफ सबूत एक इकबालिया बयान है, जिसको पुलिस हिरासत के कई दिनों बाद दर्ज किया गया था.
हाई कोर्ट के फैसले को दी गई चुनौती
जस्टिस बीआर गवई और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने अपनी रजिस्ट्री दिया कि वह संबंधित मामलों में ट्रायल कोर्ट के रिकॉर्ड को शीघ्रता से तलब करें और मामले से रिलेटेड उपस्थित वकीलों को इसकी कॉपियां उपलब्ध कराएं. सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सुनवाई की तारीख 25 मार्च को रखी है. इसके अलावा कोर्ट ने CBI और यूपी सरकार की तरफ से विभिन्न प्रकार की याचिकाओं की जांच करने में पर सहमति व्यक्त की जिसमें 16 अक्टूबर, 2023 को कोली को बरी करने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी.
ट्रायल कोर्ट ने सुनाई थी मौत की सजा
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाओं पर सुरेन्द्र कोली से जवाब मांगा था और इसे लंबित याचिकाओं के साथ जोड़ दिया. शीर्ष अदालत ने मई 2024 में इलाहाबाद हाई कोर्ट के बरी करने के फैसले को चुनौती देने वाली पीड़ितों में से एक पिता ने सुनवाई पर सहमति व्यक्त की है. बता दें कि कोली को 28 सितंबर, 2010 को ट्रायल कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी. इसके बाद मामला हाई कोर्ट में पहुंचा जहां कोली को मृत्युदंड से बरी कर दिया गया. कोर्ट का सुनवाई के दौरान कहना था कि अभियोजन ने अपराध उचित संदेह से परे साबित करने में विफल रहा है और इसे अव्यवस्थित जांच बताया. हाई कोर्ट ने कोली और पंढेर की मौत की सजा पलटते हुए कहा कि जिम्मेदार एजेंसियों द्वारा जनता के विश्वास के साथ विश्वासघात से कम नहीं है.
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