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अमित शाह ने कहा – गुजरात के फोरेंसिक क्राइम मैनेजर की पहल को अन्य राज्य भी अपनाएं

by Sanjay Kumar Srivastava
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केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि गुजरात के फोरेंसिक क्राइम मैनेजर की पहल को अन्य राज्यों को भी अपनाना चाहिए. इससे अपराध को सुलझाने में मदद मिलेगी.

News Delhi: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि गुजरात के फोरेंसिक क्राइम मैनेजर की पहल को अन्य राज्यों को भी अपनाना चाहिए. इससे अपराध को सुलझाने में मदद मिलेगी. मालूम हो कि गुजरात फोरेंसिक क्राइम सीन मैनेजर्स (FCSMs) का एक विशेष कैडर शुरू करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है. इस पहल का उद्देश्य अपराध का पता लगाना, कुशल साक्ष्य संग्रह सुनिश्चित करना और सजा दरों को बढ़ावा देना है.

गुजरात सरकार ने पुलिस की मदद के लिए फोरेंसिक क्राइम सीन मैनेजर की नियुक्ति की है. श्री शाह गुरुवार को नई दिल्ली में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल की उपस्थिति में समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे. बैठक में पुलिस, जेल, कोर्ट, अभियोजन और फॉरेन्सिक से संबंधित विभिन्न नए प्रावधानों के गुजरात में कार्यान्वयन और वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई . बैठक में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा लाए गए तीन नए आपराधिक कानूनों की आत्मा,किसी भी मामले में FIR से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक तीन साल में न्याय दिलाने के प्रावधान में है.

समय पर चार्जशीट दाखिल करने पर गुजरात के CM को सराहा

श्री शाह ने गुजरात सरकार द्वारा नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन को लेकर अब तक किए गए कार्यों की सराहना की. उन्होंने राज्य सरकार से 30 अप्रैल 2025 तक सभी कमिश्नरेट में नए कानूनों का शत-प्रतिशत कार्यान्वयन सुनिश्चित करने को कहा. उन्होंने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री से इसकी मासिक,राज्य के गृह मंत्री पाक्षिक और मुख्य सचिव, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) एवं महानिदेशक पुलिस स्तर पर साप्ताहिक समीक्षा की जानी चाहिए. श्री शाह ने कहा कि गुजरात ने 10 वर्ष से अधिक सजा वाले मामलों में 92 प्रतिशत से अधिक चार्जशीट समय पर दाखिल करने का सराहनीय कार्य किया है.

गृह मंत्री ने कहा कि गुजरात ने Zero FIR को शत-प्रतिशत FIR में बदलने का प्रशंसनीय कार्य किया है. उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए जिसमें अपराध एवं अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क एवं सिस्टम (CCTNS) के जरिए दो राज्यों के बीच FIR ट्रांसफर किया जा सके. नए कानूनों में इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के प्रावधान पर गृह मंत्री ने कहा कि इसके उचित क्रियान्वयन के लिए राज्य के गृह एवं स्वास्थ्य विभाग को बैठक कर अस्पतालों से पोस्टमार्टम और अन्य मेडिकल रिपोर्ट इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्राप्त करने पर जोर देना चाहिए. श्री शाह ने कहा कि जेलों,सरकारी अस्पतालों, बैंक, फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी (FSL) इत्यादि परिसरो में भी वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिए साक्ष्य दर्ज करने के व्यवस्था होनी चाहिए.

हिरासत में रखे गए लोगों की जानकारी इलेक्ट्रॉनिक डैशबोर्ड पर प्रदर्शित हो

उन्होंने कहा कि जेलों में हर न्यायालय के लिए एक वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग क्यूबिकल होनी चाहिए. केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि पुलिस को पूछताछ के लिए हिरासत में रखे गए लोगों की जानकारी इलेक्ट्रॉनिक डैशबोर्ड पर प्रदान करनी चाहिए,साथ ही जब्ती सूची और अदालतों में भेजे जाने वाले मामलों की जानकारी भी डैशबोर्ड पर रखनी चाहिए. उन्होंने राज्य के पुलिस महानिदेशक को इन मामलों की निरंतर मॉनिटरिंग का भी निर्देश दिया.

श्री शाह ने कहा कि राज्य सरकार को परिपत्र जारी कर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि संगठित अपराध, आतंकवाद, मॉब लिन्चिंग के प्रावधानों का दुरुपयोग न हो. इसके लिए उच्च स्तर से अनुमति के सख्त प्रावधान किये जाने चाहिए. कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों में लंबे समय से देश से फरार आरोपित भगोड़ों के खिलाफ Trial In Absentia की शुरुआत की जानी चाहिए.गृह मंत्री ने हर जिले में दो से अधिक फॉरेंसिक साइंस मोबाइल वैन की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर जोर दिया.

लंबित फोरेंसिक मामलों को अभियान चला कर करें खत्म

उन्होंने कहा कि ऐसा प्रयास करना चाहिए जिससे मोबाइल फोरेंसिक वैन में काम में आने वाली सभी 12 किट्स भारत में ही निर्मित हो. श्री शाह ने कहा कि गुजरात द्वारा फोरेंसिक क्राइम मैनेजर की पहल को अन्य राज्यों को भी अपनाना चाहिए. साथ ही लंबित फोरेंसिक मामलों को अभियान चला कर खत्म करना चाहिए.

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि गुजरात उच्च न्यायालय ने 22 जनवरी 2025 को सभी अधीनस्थ न्यायालयों को ई-प्रोसेसेज जारी करने के निर्देश जारी किए हैं, जो एक अच्छी पहल है. उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों में भी इसके लिए प्रयास किए जाने चाहिए. बैठक में गुजरात के गृह राज्य मंत्री,केन्द्रीय गृह सचिव, गुजरात के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक,राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (NCRB) के महानिदेशक और केन्द्रीय गृह मंत्रालय एवं राज्य सरकार के अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

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