Home National RSS प्रमुख भागवत के बयान पर छिड़ा विवाद, जानें किसने किया समर्थन और कौन है विरोध में

RSS प्रमुख भागवत के बयान पर छिड़ा विवाद, जानें किसने किया समर्थन और कौन है विरोध में

by Divyansh Sharma
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Mohan Bhagwat, RSS,

Mohan Bhagwat Statement: बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने सोमवार को कहा कि RSS प्रमुख मोहन भागवत की टिप्पणी अच्छी बात नहीं है.

Mohan Bhagwat Statement: उत्तर प्रदेश में इस वक्त मंदिर-मस्जिद के दावे को लेकर विवाद देखने को मिल रहा है. इसी बीच RSS यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत की टिप्पणी पर संतों की अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने उनके बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. वहीं, जितेन्द्रानंद सरस्वती ने मोहन भागवत की टिप्पणी का समर्थन किया है.

जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने किया विरोध

जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने सोमवार को कहा कि RSS प्रमुख मोहन भागवत की टिप्पणी बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें धार्मिक नेताओं के अनुशासनकर्ता की तरह काम नहीं करना चाहिए. उन्होंने जोर देकर कहा कि यह उनकी निजी राय है, लेकिन यह अच्छी बात नहीं है. उन्होंने दावा किया कि RSS हिंदुत्व की विचारधारा पर बना है. जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने मोहन भागवत के बयान को तुष्टिकरण की राजनीति से प्रभावित बताया. साथ ही उन्होंने जोर देकर कहा कि जहां भी मंदिर के अवशेष हैं, हम उन्हें वापस ले लेंगे.

अयोध्या के राम मंदिर के मुख्य पुजारी महंत सत्येंद्र दास ने मोहन भागवत के इस बयान पर कहा कि हमें ऐतिहासिक मंदिरों को फिर से पाने के लिए आगे आना पड़ेगा. साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पहल को सही बताया. सत्येंद्र दास ने दावा किया कि अगर जांच से पता चलता है कि हिंदुओं का पलायान कराया गया और और मंदिरों पर कब्जा कर लिया गया, तो उन्हें फिर से पाने के लिए हमें प्रयास करने चाहिए. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सही काम कर रहे हैं.

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अखिल भारतीय संत समिति ने किया समर्थन

इसी बीच अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती ने मोहन भागवत के बयान को समर्थन दिया. उन्होंने कहा कि भारत फिलहाल किसी भी आंतरिक संघर्ष को झेलने की स्थिति में नहीं है. हमें मोहन भागवत के बयानों का महत्व समझना चाहिए. देश में धार्मिक और राष्ट्रीय मुद्दों को संवैधानिक ढांचे के भीतर हल करना चाहिए. उन्होंने जोर देकर कहा कि देश एक और गृहयुद्ध जैसी स्थिति बर्दाश्त नहीं कर सकता. हालांकि, इस दौरान उन्होंने VHP यानी विश्व हिंदू परिषद की ओर से अयोध्या, मथुरा और काशी में मंदिरों के पुनर्निर्माण के प्रयासों को बताया.

गौरतलब है कि RSS प्रमुख मोहन भागवत ने 22 दिसंबर को कहा था कि धर्म महत्वपूर्ण है और धर्म की सही शिक्षा दी जानी चाहिए. धर्म का अनुचित और अधूरा ज्ञान लोगों को अधर्म की ओर ले जाता है. इससे पहले उन्होंने 19 दिसंबर को कहा था कि हर दिन मंदिर-मस्जिद विवाद उठाया जाना सही नहीं है. अयोध्या के राम मंदिर के निर्माण के बाद कुछ लोग मानते हैं कि वह ऐसे मुद्दों को उठाकर हिंदुओं के लीडर बन जाएंगे.

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