Vision for Viksit Bharat : आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि 16वीं सदी तक भारत दुनिया में अग्रणी रहा था. लेकिन फिर हम रुक गए और उसके बाद हमारा पतन होता चला गया.
15 November, 2024
Vision for Viksit Bharat : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) मोहन भागवत ने शुक्रवार (15 नवंबर, 2024) में हरियाणा के गुरुग्राम में आयोजित ‘विकसित भारत की दिशा’ सम्मेलन में शामिल हुए. उन्होंने यहां पर मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि दुनिया मानती है कि 16वीं सदी तक भारत दुनिया में अग्रणी रहा था. हमने कई चीजों की खोज की थी लेकिन फिर हम रुक गए और उसके बाद धीरे-धीरे पतन होता चला गया. हालांकि अपने उसे प्रूव किया है और विकास को समग्रता के रूप में देखा जाना चाहिए.
विकसित भारत समय की जरुरत
‘विकसित भारत की दिशा’ कार्यक्रम में मोहन भागवत ने कहा कि हमारे मन में सबसे पहला सवाल यही आता है कि ‘हमें विकसित भारत की जरुरत’क्यों है? क्या यह इसलिए क्योंकि मैं एक भारतीय हूं और चाहता हूं कि देश विकसित हो. उन्होंने आगे कहा कि पिछले 2 हजार सालों में कई प्रयोग किए गए लेकिन वह विफल रहे हैं. विकास ने पर्यावरण संकट को जन्म दिया है और इस बात चर्चा हो रही है कि हमें विकास पर ध्यान देना चाहिए या पर्यावरण पर? हालांकि वर्तमान की जरुरत को देखते हुए हमें दोनों पर ध्यान देना होगा जभी हम बच पाएंगे.
मानवता का विकास करना
RSS प्रमुख ने कहा कि विकास की एक परिभाषा यह भी है कि हमारा मन और बुद्धि का भी विकास होना चाहिए. विकास का उद्देश्य सिर्फ आर्थिक लाभ में नहीं होना चाहिए बल्कि मानसिक और भौतिक का मिलाजुला विकास भी होना जरूरी होना चाहिए. भागवत ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि अध्यात्म और विज्ञान के बीच कोई टकराव नहीं है दोनों का लक्ष्य मानवता को विकास करना है. RSS चीफ की माने तो अगर किसी व्यक्ति को मोक्ष प्राप्त करना हो तो उसे अपना सांसरिक जीवन त्यागना होगा.