Home National मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार के बाद क्यों हो रही नरसिम्हा राव की चर्चा, जानें क्या हुआ था ऐसा

मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार के बाद क्यों हो रही नरसिम्हा राव की चर्चा, जानें क्या हुआ था ऐसा

by Divyansh Sharma
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Manmohan Singh, PV Narasimha Rao, congress,

Manmohan Singh VS PV Narasimha Rao: जेपी नड्डा ने कहा कि नरसिम्हा राव के निधन के बाद राजघाट पर समाधि स्थल बनाने की मांग को सोनिया गांधी ने ठुकराया.

Manmohan Singh VS PV Narasimha Rao: देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन के बाद उनके अंतिम संस्कार को लेकर सियासत देखने को मिल रही है. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी समेत कई कांग्रेस के नेताओं ने अंतिम संस्कार की जगह को लेकर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने एक दिन पहले शनिवार को अपने X हैंडल पर एक पोस्ट लिखा.

अपनी पोस्ट में उन्होंने मनमोहन सिंह के राजकीय अंतिम संस्कार को लेकर केंद्र सरकार पर कई तरह के आरोप लगाए और 9 सवाल भी दागे. वहीं, BJP यानी भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने पीवी नरसिंह राव के अंतिम संस्कार को लेकर सवाल खड़े किए हैं. ऐसे में बड़ा सवाल है कि आखिर पीवी नरसिंह राव के अंतिम संस्कार में क्या हुआ था.

पार्टी कार्यालय में नहीं रखने दिया गया था शव

काग्रेंस नेताओं के आरोपों पर केंद्रीय मंत्री और BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शनिवार को बयान जारी कर कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने कभी के जीवित रहते कभी उनका सम्मान नहीं किया. उन्होंने ने कहा कि उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के नेताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव को उनके निधन के बाद उचित सम्मान भी नहीं दिया. उन्होंने दावा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के निधन के बाद राजघाट पर समाधि स्थल बनाने की मांग को सोनिया गांधी ने ठुकरा दिया.

साथ ही कांग्रेस पार्टी कार्यालय में नरसिम्हा राव के पार्थिव शरीर के लिए जगह भी नहीं दी गई थी. उन्होंने जोर देकर कहा कि कांग्रेस नहीं चाहती थी कि नरसिम्हा राव का अंतिम संस्कार दिल्ली में हो. इसलिए इसे हैदराबाद में किया गया. ऐसे में यह दिलचस्प तुलना है कि मनमोहन सिंह को सक्रिय राजनीति में लाने वाले पीवी नरसिंह राव और मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार कैसे हुआ. बता दें कि 23 दिसंबर 2004 को 83 साल की उम्र में नरसिंह राव का निधन हुआ था. उस दौरान उनके पार्थिव शरीर को कांग्रेस मुख्यालय में नहीं रखने दिया गया था.

यह भी पढ़ें: मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार पर शुरू हुई ‘असली सियासत’, जानें क्यों विपक्षी नेताओं ने उठाए सवाल

विनय सीतापति ने अपनी किताब में किया है जिक्र

विनय सीतापति की किताब ‘हाफ लॉयन: हाउ पी वी नरसिम्हा राव ट्रांसफॉर्म्ड इंडिया’ में लिखा गया है कि नरसिम्हा राव के निधन के अगले दिन ही 10 बजे फूलों से सजी सेना की गाड़ी दिल्ली के मोतीलाल नेहरू मार्ग स्थित उनके आवास से उनके पार्थिव शरीर को लेकर एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गई थी. इस दौरान कांग्रेस की कमान सोनिया गांधी के हाथों में थी. किताब में लिखा है कि वाहन को 24 अकबर रोड यानी कांग्रेस पार्टी का मुख्यालय पर रुकना था. हालांकि, उस समय कार्यालय का गेट ही नहीं खोला गया. गाड़ी वहां पर करीब 30 मिनट तक खड़ी रही. बाद में शव को प्लेन से हैदराबाद ले जाया गया.

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इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा और BJP के लालकृष्ण आडवाणी समेत कई नेता शामिल हुए. उस समय कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर आरोप लगे कि वह वहां पर मौजूद नहीं थी. किताब में यह भी लिखा है कि पी वी नरसिम्हा राव की लाश लावारिस पड़ी थी. आवारा कुत्ते उनकी चिता के चारों ओर चक्कर लगा रहे थे. संजय बारू ने भी अपनी किताब ‘द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर’ में लिखा है कि नरसिंह राव का निधन के बाद अहमद पटेल ने उनसे कहा कि वह नरसिंह राव के परिजनों से बात कर पार्थिक शरीर को हैदराबाद ले जाने के लिए मनाएं. संजय बारू ने यह काम नहीं किया.

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