Manipur Violence: हालात के मद्देनजर गृह मंत्रालय ने CAPF यानी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की 50 अतिरिक्त कंपनियों को मणिपुर के लिए भेजने का फैसला लिया है.
Manipur Violence: मणिपुर में हालात पिछले कुछ दिनों से बेकाबू होते ही जा रहे हैं. बिगड़ते हालात को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक बार फिर से बड़ा फैसला लिया है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने CAPF यानी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की 50 अतिरिक्त कंपनियों को मणिपुर के लिए भेजने का फैसला लिया है. इससे पहले CAPF की अतिरिक्त 20 कंपनियों को 12 नवंबर को मणिपुर में तैनात किया है.
बता दें कि 12 नवंबर को जिरीबाम जिले में हिंसा भड़कने भीड़ इस कदर उग्र हो गई है, वह राज्य सरकार के मंत्रियों और विधायकों के घरों में तोड़-फोड़ और आगजनी कर रही है. ताजा हिंसा में कई लोगों के मारे जाने की भी जानकारी सामने आ रही है.
5 हजार से अधिक अतिरिक्त जवानों की तैनाती
इसी बीच 5 हजार से अधिक सुरक्षाबलों के जवानों वाली 50 अतिरिक्त CAPF कंपनियां भेजने का निर्णय लिया गया है. न्यूज एजेंसी PTI ने सूत्रों के हवाले से इस बात की जानकारी दी है.
मणिपुर में चुनौतीपूर्ण होती स्थिति के बीच सोमवार (18 नवंबर) को गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के साथ हाई लेवल की बैठक भी होने वाली है.
बता दें कि 12 नवंबर को ही गृह मंत्रालय ने 2 हजार जवानों वाली CRPF यानी केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल की 15 और BSF यानी सीमा सुरक्षा बल की 5 कंपनियों को मणिपुर में तैनात किया था.
अब 50 अतिरिक्त CAPF की कंपनियों में 35 यूनिट CRPF और 15 यूनिट BSF की शामिल हैं. इससे पहले मणिपुर में CAPF की 198 कंपनियां तैनात थी. ऐसे में अब तक 268 CAPF की कंपनियों को मणिपुर में हालात को संभालने के लिए तैनात कर दिया गया है. हालात के मद्देनजर CAPF के महानिदेशक महानिदेशक एडी सिंह समेत CAPF के वरिष्ठ अधिकारी भी राज्य में मौजूद हैं.
इससे पहले मणिपुर में बिगड़ते हालात को देखते हुए गृह मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि हिंसक और विध्वंसकारी गतिविधियों में शामिल होने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सुरक्षाबलों के जवान सख्त से सख्त कार्रवाई करेंगे. वहीं, मणिपुर के इलाकों में गृह मंत्रालय की ओर से AFSPA यानी सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम को फिर से लागू कर दिया था.
तीन महिलाओं-तीन बच्चों की हत्याके बाद बिगड़े हालात
बता दें कि मणिपुर के जिरीबाम जिले में शनिवार (16नवंबर) को उग्रवादियों ने तीन महिलाओं और तीन बच्चों की हत्या कर दी. हत्या के बाद मणिपुर में एर बार फिर से भीड़ उग्र हो गई.
उग्र भीड़ ने शनिवार को राज्य के मुख्यमंत्री बीरेंन सिंह के दामाद (BJP विधायक) समेत तीन राज्य मंत्रियों और छह विधायकों के आवासों पर प्रदर्शन किया और आगजनी भी की.
बाद में इंफाल के अलग-अलग जिलों में रविवार को भी गुस्साई भीड़ ने रविवार को निंगथौखोंग में लोक निर्माण मंत्री गोविंददास कोंथौजम, लैंगमेदोंग बाजार में हियांगलाम के BJP विधायक वाई राधेश्याम, थौबल जिले में वांगजिंग तेंथा के BJP विधायक पाओनम ब्रोजेन और इंफाल पूर्वी जिले में खुंड्राकपम के कांग्रेस विधायक लोकेश्वर के घरों को आग के हवाले कर दिया.
रविवार को ही मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के पैतृक आवास पर भी उग्र भीड़ ने प्रदर्शन करने की कोशिश की. हालांकि, सुरक्षाबलों के जवानों ने उन्हें ऐसा करने से पहले रोक लिया.
हालात बिगड़ने के बाद कई इलाकों में सरकार ने इंफाल ईस्ट, इंफाल वेस्ट, बिष्णुपुर, थौउबल, काकचियांग, कांगपोकपी और काकचियांग जिलों में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया. सुरक्षा बलों के जवानों ने इंफाल के कई हिस्सों में गश्त तेज कर दी है और सभी विधायकों के आवासों की भी सुरक्षा बढ़ा दी है.
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मणिपुर में NIA ने भी संभाला मोर्चा
वहीं, इस इस बीच मणिपुर में NIA यानी राष्ट्रीय जांच एजेंसी भी एक्टिव हो गई है. NIA ने हिंसा की ताजा घटनाओं को लेकर तीन केस दर्ज कर लिया है. सूत्रों के मुताबिक NIA ने अपनी जांच भी शुरू कर दी है.
इसमें उग्रवादियों की ओर से जिरीबाम के जाकुराधोर करोंग और बोरोबेकरा पुलिस स्टेशनों पर स्थित CRPF चौकी पर हमला, बोरोबेकरा में घरों को जलाना और एक नागरिक की हत्या करना और पूरी तरह से सशस्त्र उग्रवादियों की ओर से जिरीबाम में एक महिला की हत्या के मामले में शामिल हैं.
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