Manipur Violence: मणिपुर में जारी हिंसा और तनाव के बीच NPP यानी नेशनल पीपुल्स पार्टी ने जेपी नड्डा को पत्र लिखकर BJP की सरकार से समर्थन वापस लेने का एलान कर दिया है.
Manipur Violence: मणिपुर में लापता 3 महिला और 3 बच्चों के शव मिलने के बाद से हालात बेकाबू होते जा रहे हैं. इस बीच मणिपुर से एक बार फिर बड़ी जानकारी सामने आ रही है.
मणिपुर में जारी हिंसा और तनाव के बीच NPP यानी नेशनल पीपुल्स पार्टी ने बहुत बड़ा एलान कर दिया है. NPP ने BJP की सरकार से समर्थन वापस लेने का एलान कर दिया है.
NPP प्रमुख कोनराड संगमा ने BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर समर्थन वापस लेने का एलान किया है.
NPP ने एन बीरेन सिंह पर लगाए गंभीर आरोप
NPP प्रमुख कोनराड संगमा ने समर्थन वापस लेने के लिए रविवार (17 नवंबर) को BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखा है. पत्र में उन्होंने मणिपुर में एन बीरेन सिंह की सरकार पर गंभीर आरोप भी लगाए.
उन्होंने कहा कि NPP मणिपुर में मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त कर रही है. पत्र में आगे कहा गया कि हाल के दिनों में स्थिति को और बिगड़ते देखा है और जारी हिंसा में कई लोगों की जान चली गई.
उन्होंने आगे कहा कि एन बीरेन सिंह की सरकार मणिपुर के संकट को हल करने और स्थिति को सामान्य करने में विफल रही है. पत्र में उन्होंने कहा कि ताजा हालात को देखते हुए NPP ने मणिपुर सरकार से अपना समर्थन तत्काल प्रभाव से वापस लेने का फैसला किया है.
हालांकि, इससे मणिपुर में BJP की सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ेगा. बता दें कि 60 सदस्यीय विधानसभा वाले मणिपुर में फिलहाल BJP के 32, कांग्रेस के 5, JDU के 6, नागा पीपुल्स फ्रंट के 5 और NPP के 7 विधायक हैं.
वहीं, मणिपुर विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 31 है. इसके अलावा JDU के 6 में से 5 विधायक औपचारिक रूप से BJP के साथ ही है. ऐसे में BJP के पास ही बहुमत रहेगा.
10 विधायकों के घर पर उग्र भीड़ ने बोला धावा
बता दें कि जिरीबाम जिले में शनिवार को उग्रवादियों ने तीन महिलाओं और तीन बच्चों की निर्मम हत्या कर दी. हत्या से उग्र भीड़ ने शनिवार को राज्य के मुख्यमंत्री बीरेंन सिंह के दामाद (BJP विधायक) समेत तीन मंत्रियों और छह विधायकों के आवासों पर प्रदर्शन किया और तोड़फोड़ भी की.
बाद में इंफाल के अलग-अलग जिलों में रविवार को भी गुस्साई भीड़ ने 3 BJP और एक कांग्रेस विधायक घर धावा बोल दिया.
भीड़ ने निंगथौखोंग में लोक निर्माण मंत्री गोविंददास कोंथौजम, लैंगमेदोंग बाजार में हियांगलाम के BJP विधायक वाई राधेश्याम, थौबल जिले में वांगजिंग तेंथा के BJP विधायक पाओनम ब्रोजेन और इंफाल पूर्वी जिले में खुंड्राकपम के कांग्रेस विधायक लोकेश्वर के घरों में आग लगा दी.
हालात बिगड़ने के बाद अनिश्चितकालीन कर्फ्यू भी लगा दिया गया. उग्र भीड़ ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के पैतृक आवास पर भी प्रदर्शन करने की कोशिश की. हालांकि, सुरक्षाबलों के जवानों ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया.
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हालात को देखते हुए अमित शाह ने संभाला मोर्चा
वहीं, इस पूरे मामले पर केंद्र सरकार भी नजर रखे हुए है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को महाराष्ट्र में होने वाली तीन चुनावी रैलियां रद्द कर दिल्ली लौट गए.
दिल्ली लौटते ही उन्होंने शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में उन्होंने पूर्वोत्तर राज्य में शांति बहाल करने पर जोर दिया.
बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह सोमवार (18 नवबंर) को इसी मुद्दे पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ फिर बड़ी बैठक करेंगे.
इसके अलावा मणिपुर में सुरक्षा बलों ने इंफाल के कई हिस्सों में गश्त तेज कर दी है और विधायकों के आवासों की भी सुरक्षा बढ़ा दी है.
जिरीबाम समेत कई इलाकों में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है और सात जिलों में इंटरनेट सेवाएं भी निलंबित कर दी गई हैं.
इसके अलावा CRPF के साथ 11 नवंबर को हुई मुठभेड़ में मारे गए 10 उग्रवादियों के अंतिम संस्कार को ट्राइबल फोरम ITLF ने रोक दिया है.
उन्होंने कहा है कि जब तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट उनके घर वालों को नहीं सौंप दी जाती, तब तक अंतिम संस्कार तब तक नहीं किया जाएगा.
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