Manipur Violence: 15 अक्टूबर को जातीय हिंसा को लेकर मणिपुर के मैतेई और कुकी (Kuki and Meitei conflict) समुदाय के विधायक और नेता दिल्ली में बैठक करेंगे.
Manipur Violence: मणिपुर हिंसा से जुड़ी बहुत बड़ी खबर सामने आ रही है. पिछले एक साल से जारी जातीय हिंसा को लेकर मणिपुर के मैतेई और कुकी (Kuki and Meitei conflict) समुदाय के विधायक और नेता दिल्ली में बैठक करेंगे.
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से आयोजित इस बैठक में हिंसा रोकने पर चर्चा करेंगे. दोनों समुदायों के अलावा इसमें नागा समुदाय के नेता भी राज्य में शांति बहाल करने पर बातचीत करेंगे. यह बैठक 15 अक्टूबर को आयोजित होगी.
मणिपुर में 3 मई 2023 को शुरू हुई थी हिंसा
न्यूज एजेंसी PTI से मिली जानकारी के मुताबिक तीन नागा विधायक शामिल होंगे. वहीं, कुकी और मैतेई समुदायों के विधायकों की संख्या फिलहाल स्पष्ट नहीं है. केंद्र सरकार ने पिछले साल 3 मई 2023 को शुरू हुई हिंसा को रोकने के लिए यह कदम उठाया है.
बता दें कि 16 महीनों की हिंसा के दौरान 200 से ज्यादा लोग मारे गए हैं और करीब एक हजार से अधिक लोग घायल हो चुके हैं. इसमें सेना और पुलिस के जवान भी शामिल हैं.
जानकारी के मुताबिक बैठक में नागा समुदाय से विधायक अवांगबौ न्यूमई, एल दिखो और राम मुइवा शामिल होंगे. यह तीनों ही विधायक भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी पार्टी नागा पीपुल्स फ्रंट (Naga People’s Front) के विधायक हैं.
दिल्ली में बैठक के लिए नागा, कुकी और मैतेई समुदाय के कई विधायक मणिपुर के इंफाल एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं.
‘बैठक में विपक्षी दलों को भी बुलाना जरूरी’
राज्य के जल संसाधन मंत्री अवांगबौ न्यूमई ने वहां मौजूद पत्रकारों से कहा कि हमें चर्चा करने के लिए दिल्ली बुलाया गया है. उन्होंने कहा कि हम शांति लाने के सभी तरीकों पर विचार कर रहे हैं.
वहीं, NPP के विधायक एल दिखो ने कहा कि जब तक सभी समुदाय और लोग शामिल नहीं होंगे, तब तक मणिपुर में शांति लाना मुश्किल है. उन्होंने इसे गृह मंत्रालय की अच्छी पहल बताते हुए कहा कि यह बहुत अच्छा संकेत है.
इस मामले पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं. कांग्रेस के मणिपुर के अध्यक्ष के मेघचंद्र ने कहा कि समाधान तक पहुंचने की कोई भी पहल अच्छी है, लेकिन बैठक में विपक्षी दल को आमंत्रित नहीं किया गया.
कांग्रेस अध्यक्ष के मेघचंद्र ने आगे कहा कि हालांकि, अगर परिणाम सकारात्मक रहा, तो यह पूरे मणिपुर के लोगों के लिए अच्छा होगा.
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शांति समझौते पर पहले भी हो चुकी है बैठक
गौरतलब है कि अगस्त में ही मणिपुर के जिरीबाम में कुकी और मैतेई समुदाय के नेताओं ने शांति समझौते पर साइन किया था. इस समझौते के तहत दोनों पक्षों आगजनी और गोलीबारी की घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षाबलों को सहयोग करने की बात कही थी.
जिरीबाम के CRPF ग्रुप सेंटर में CRPF, असम राइफल्स और डिस्ट्रिक्ट कमिश्नर की ओर से आयोजित इस बैठक में शांति बहाल करने पर जोर दिया गया था. बता दें कि मैतेई समुदाय जनजाति का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे हैं.
वहीं, नगा-कुकी समुदाय के लोग मैतेई समुदाय को आरक्षण देने का विरोध कर रहे हैं. इसी को लेकर हिंसा जारी है. इसके साथ ही मणिपुर के 60 विधायकों में से 40 विधायक मैतेई और 20 विधायक नागा और कुकी जनजाति से आते हैं. ऐसे में यह बैठक अहम मानी जा रही है.
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