Manipur Violence: मणिपुर पुलिस ने बताया कि इंफाल पूर्वी जिले में दो हथियारबंद समूहों के बीच गोलीबारी की घटना हुई थी. इसमें घायल होने की खबर नहीं है.
Manipur Violence: मणिपुर एक बार फिर से सुलगने लगा है. पिछले 48 घंटों के अंदर दो हमलों के बाद मणिपुर में फिर से अशांति फैलने का डर सताने लगा है. दो हमलों के बाद बढ़ते तनाव को कम करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों के जवानों को तैनात किया गया है. पहला हमला बुधवार की सुबह हुआ है. इस दौरान दो हथियारबंद समूहों के बीच गोलीबारी की घटना दर्ज की गई है. इससे पहले मंगलवार की रात को भी हमले की जानकारी सामने आई थी.
उग्रवादियों ने सिनम कोम गांव को बनाया निशाना
दरअसल, मणिपुर पुलिस ने इस बात की जानकारी दी है. मणिपुर पुलिस ने बताया कि इंफाल पूर्वी जिले में बुधवार की सुबह दो हथियारबंद समूहों के बीच गोलीबारी की घटना हुई थी. जानकारी के मुताबिक कुछ हथियारबंद लोगों ने कांगपोकपी जिले की पहाड़ियों से सिनम कोम गांव को निशाना बनाया और अंधाधुंध गोलीबारी कर दी. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि तलहटी में तैनात हथियारबंद ग्रामीण स्वयंसेवकों ने जवाबी कार्रवाई की.
इसके बाद दोनों ओर से भारी गोलीबारी शुरू हो गई. इलाके में तनाव भी देखने को मिला. मामले की जानकारी मिलते ही मणिपुर पुलिस और सुरक्षा बलों के जवान अलर्ट मोड पर आ गए. साथ ही घटना के बाद इलाके में अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात कर दिया गया है. पुलिस ने बताया कि हमले में अभी तक किसी के घायल होने की खबर नहीं है. मंगलवार की रात को भी इसी तरह की जानकारी सामने आई थी.
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मंगलवार को सुरक्षाबलों के साथ हुई गोलीबारी
मणिपुर पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मंगलवार रात को इंफाल पूर्वी के थमनापोकपी और पास के उयोक चिंग में गोलीबारी की जानकारी सामने आई थी. पुलिस ने बताया कि हथियारबंद लोगों और सुरक्षाबलों के बीच गोलीबारी हुई. बता दें कि पिछले साल मई से मणिपुर में मैतई और कुकी के बीच जातीय हिंसा देखने को मिल रही है. इसमें 300 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं.
वहीं, रविवार को मणिपुर में जातीय हिंसा के 600 दिन पूरे हो गए. हिंसा को रोकन के लिए के लिए मणिपुर पुलिस और सुरक्षाबलों के जवान ऑपरेशन चला रहे हैं. पिछले एक महीने में उग्रवादी संगठनों के 20 से ज्यादा उग्रवादी कैडर पकड़े गए हैं. वहीं, भारी मात्रा में गोला बारूद समेत कई युद्ध में इस्तेमाल होने वाले हथियार जब्त किए हैं. इसके अलावा पूरे मणिपुर में सेंट्रल आर्म्ड फोर्सेज की 288 कंपनियों के करीब 40 हजार से ज्यादा जवान तैनात हैं.
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