Manipur Crisis: बीरेन सिंह के इस्तीफा देने के एक दिन बाद संबित पात्रा ने सोमवार को एक होटल के बंद कमरे में कई BJP विधायकों के साथ लंबी बैठक की है.
Manipur Crisis: मणिपुर में मचा सियासी घमासान शांत होने का नाम ही नहीं ले रहा है. BJP यानि भारतीय जनता पार्टी के मणिपुर प्रभारी संबित पात्रा भी एक्टिव मोड में डैमेज कंट्रोल करने में जुटे हुए हैं. मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफा देने के एक दिन बाद संबित पात्रा ने सोमवार को एक होटल के बंद कमरे में कई BJP विधायकों के साथ लंबी बैठक की है.
नाराज नेताओं से की मुलाकात
जानकारी के मुताबिक संबित पात्रा ने बैठक में विधानसभा अध्यक्ष थोकचोम सत्यब्रत, नगर प्रशासन आवास विकास मंत्री वाई खेमचंद, शिक्षा मंत्री थुनाओजम बसंत कुमार सिंह और राधेश्याम से अलग-अलग मुलाकात की. दावा किया जा रहा है कि इन तीनों नेताओं की बीरेन सिंह के तनातनी चल रही थी.
बैठक में विधायकों के साथ आगे की रणनीति पर फैसला किया गया. साथ ही राज्य में बैठकों का दौर शुरू हो चुका है. 48 घंटों में राज्य के भीतर या कई और बैठकें होने की संभावना जताई है. माना जा रहा है कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है. मणिपुर कांग्रेस अध्यक्ष के मेघचंद्र ने बीरेन सिंह के इस्तीफे का स्वागत किया, लेकिन राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने के किसी भी कदम का विरोध भी किया.
मेघचंद्र ने कहा कि कांग्रेस एक नया नेता और नई सरकार चाहती है. साथ ही उन्होंने दावा किया कि बीरेन सिंह को पता था कि अविश्वास प्रस्ताव में उनकी हार होगी. दूसरी ओर NPP यानि नेशनल पीपुल्स पार्टी ने बीरेन सिंह के इस्तीफे का स्वागत किया और BJP के साथ काम करने की प्रतिबद्धता दोहराई.
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राज्य की राजधानी में सुरक्षा कड़ी
NPP विधायक दल के नेता शेख नूरुल हसन ने कहा कि हम NDA के साथ सामान्य स्थिति के लिए काम करते रहेंगे. बता दें कि 60 सदस्यीय विधानसभा में सात विधायकों वाली NPP ने पिछले साल नवंबर में ही बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था. लंबे समय से विपक्ष के नेता भी मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहे थे.
वहीं, मणिपुर के मंत्री वाई खेमचंद ने सोमवार को कहा कि नेतृत्व संकट को हल करने के लिए पार्टी आलाकमान जो भी निर्णय लेगा, सभी विधायक उसका पालन करेंगे. संबित पात्रा के साथ बैठक के तुरंत बाद उन्होंने यह बयान दिया. वाई खेमचंद ने दावा किया कि बातचीत में हमारी समस्याओं का समाधान हो गया है. अब ध्यान इस बात पर है कि राज्य में शांति कैसे बहाल की जाए.
गौरतलब है कि वाई खेमचंद राज्य में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने में विफल रहने के लिए बीरेन सिंह सरकार के खिलाफ खुल विरोध जताया है. इस बीच, राज्य की राजधानी में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. संजेनथोंग, सिंगजामेई, मोइरांगखोम, कीसंपत और कांगला गेट जैसे संवेदनशील इलाकों में भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है.
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