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जानें क्या है IC-814 के Hijack की पूरी कहानी, लाहौर से कंधार तक कैसे पहुंचा विमान

by Divyansh Sharma
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जानें क्या है IC-814 के Hijack की पूरी कहानी, लाहौर से कंधार तक कैसे पहुंचा विमान- Live Times

IC-814 Hijack: इंडियन एयरलाइंस का IC 814 नाम का एक एयरबस A-300 काठमांडू से दिल्ली जा रहा था, तभी इस विमान का अपहरण कर लिया गया.

IC-814 Hijack: पूरे देश में साल 1999 में भारतीय विमान IC-814 (Indian Airlines Flight 814) के अपहरण की घटना को लेकर फिर से चर्चाएं शुरू हो गई है. नेटफ्लिक्स की वेब सीरीज IC 814: द कंधार हाईजैक (IC 814: The Kandahar Hijack) में आंतकियों को चित्रण पर विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. यह पूरी घटना साल 1999 की है. इंडियन एयरलाइंस का IC 814 नाम का एक एयरबस A-300 काठमांडू से दिल्ली जा रहा था, तभी इस विमान का अपहरण कर लिया गया.

भारी हथियारों से लैस थे सभी आतंकी

IC 814 में उस समय चार बच्चों सहित 178 यात्री और 11 चालक दल के सदस्य सवार थे. यह विमान काठमांडू के त्रिभुवन हवाई अड्डे से 4 बजकर 25 मिनट पर रवाना हुआ. विमान को 5 बजकर 40 मिनट पर दिल्ली में लैंड करना था. इसी बीच उत्तर प्रदेश में भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने के कुछ ही समय बाद अपहरण कर लिया गया. अपहरणकर्ताओं की पहचान तुरंत नहीं हो पाई. एके-47 राइफल, ग्रेनेड और रिवॉल्वर से लैस पांच आतंकियों ने विमान को लाहौर ले जाने को कहा, लेकिन विमान में फ्यूल कम था. इस दौरान एयरपोर्ट के निदेशक ने कहा कि अपहरणकर्ता केवल ईंधन भरने के लिए अमृसर के राजा सांसी एयरपोर्ट पर उतरने के लिए राजी हुए, क्योंकि विमान में पांच मिनट का ईंधन बचा था.

राजा सांसी एयरपोर्ट पर उतरा विमान

24 दिसंबर को अपहृत इंडियन एयरलाइंस का विमान अमृसर के राजा सांसी हवाई अड्डे पर उतरा. ईंधन भरने के लिए विमान रनवे नंबर 34 पर लैंड हुआ. इस समय तक अपहरणकर्ताओं ने अपनी मांगों को स्पष्ट नहीं किया. वह सिर्फ चाहते थे कि विमान को लाहौर ले जाया जाए. वहीं, अमृतसर एयरपोर्ट पर सुरक्षा बढ़ा दी गई. विमान को पुलिस ने चारों ओर से घेर लिया. अपहरणकर्ताओं ने पांच मिनट के भीतर ईंधन भरने की शुरुआत न होने पर यात्रियों को मारने और विमान को उड़ाने की धमकी दी. अपहरणकर्ताओं की धमकी के बाद ईंधन भरने की शुरुआत हुई. वहीं, इस घटना की सूचना पाकर देश में हड़कंप मच गया. कैबिनेट सचिव प्रभात कुमार की अध्यक्षता में संकट प्रबंधन समूह अपहरण से निपटने के लिए उपाय करने के लिए एक आपातकालीन बैठक की शुरुआत हुई.

हिंदी बोल रहे थे अपहरणकर्ता

एयरपोर्ट के निदेशक ने बताया कि पायलट ने उन्हें सूचित किया है कि अपहरणकर्ता हिंदी बोल रहे थे और उनके पास एके-47, ग्रेनेड और रिवॉल्वर थे. इंडियन एयरलाइंस ने अपहृत विमान के बारे में जानकारी के लिए नियंत्रण कक्ष स्थापित किया. अपहृत विमान में यात्रियों के चिंतित रिश्तेदारों को जानकारी देने करने के लिए इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर एक अलग विशेष नियंत्रण कक्ष स्थापित किया. इस दौरान हालातों की जानकारी देते हुए तत्कालीन नागरिक उड्डयन मंत्री शरद यादव ने बताया कि लखनऊ में विमान की लैंडिग की बात पर आतंकियों ने विमान को घेर लिया. उन्होंने आगे कहा कि वह पाकिस्तान के तत्कालीन उच्चायुक्त अशरफ जहांगीर काजी के संपर्क में है. अपहरणकर्ताओं के साथ बातचीत करने की कोशिश की जा रही है.

NSG के कमांडो थे कार्रवाई के लिए तैयार

इसी दौरान इंडियन एयरलाइंस के विमान ने हवाई अड्डे के अधिकारियों को सूचित किया कि अपहरणकर्ताओं ने कुछ यात्रियों को मारने का फैसला किया है. हवाई अड्डे के निदेशक ने कहा कि उन्हें फ्लाइट के कैप्टन ने इस बात की जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि दिल्ली से मिले निर्देशों के बाद विमान में ईंधन भरने की प्रक्रिया अचानक रोकने के कारण उन्होंने कुछ यात्रियों को मारने का एलान किया है. कुछ देर बाद ही अपहरणकर्ताओं ने नियंत्रण टावर से संपर्क कर कहा कि उन्होंने यात्रियों को मारना शुरू कर दिया है. इसी बीच राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) के 5 कमांडो बड़ी कार्रवाई के लिए अमृतसर के लिए रवाना हुए. प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव ब्रजेश मिश्रा, गृह सचिव कमल पांडे, नागरिक उड्डयन सचिव रविंदर गुप्ता और नागरिक उड्डयन महानिदेशक एचएस खोला के अलावा विदेश और गृह मंत्रालय के अधिकारी इस कार्रवाई पर चर्चा कर रहे थे.

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चार भारतीय यात्रियों की हत्या

इसी बीच अपहरणकर्ताओं ने चार यात्रियों की हत्या कर दी. यात्रियों को मारने के तुरंत बाद अपहरणकर्ताओं ने पायलट को उड़ान भरने का निर्देश दिया. तत्कालीन भारतीय विदेश सचिव ललित मानसिंह पाकिस्तानी समकक्ष के संपर्क में थे और विदेश मंत्रालय दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायुक्त के साथ लगातार संपर्क में था. यात्रियों की मौत के बाद रात को किसी तरह विमान पाकिस्तान के लाहौर पहुंचा और लाहौर एयरपोर्ट पर ही विमान में ईंधन भरा गया. इसके बाद रात में 10 बजकर 32 मिनट पर विमान काबुल ले जाया गया. काबुल एयरपोर्ट के अधिकारियों ने कहा कि एयपोर्ट पर उनके यहां रात में उतरने की कोई सुविधा नहीं है. ऐसे में विमान मोड़ा गया और दुबई स्थित वायुसेना के एयपोर्ट पर उतारने का फैसला किया गया. 25 दिसंबर को रात 1 बजकर 32 मिनट पर विमान वायुसेना के अड्डे पर उतरा.

दुबई में रिहा किए गए 27 यात्री

दुबई सरकार के अधिकारियों और अपहरणकर्ताओं की बातचीत के बाद 27 यात्रियों की रिहाई तय की गई. इनमें महिलाएं और बच्चे शामिल थे. एयपोर्ट पर मारे गए यात्रियों के शव को भी उतारा गया. 25 दिसंबर की सुबह 6 बजकर 20 मिनट पर विमान ने दुबई से एक फिर उड़ान भरी और 8 बजकर 33 मिनट पर अफगानिस्तान के कंधार एयरपोर्ट पर लैंड किया. आतंकियों और भारत सरकार की कई दौर की बातचीत के बाद अंत में सभी बंधकों की रिहाई के लिए एक डील हुई. डील के अंतर्गत भारत सरकार तीन आतंकियों मसूद अजहर, मुश्ताक जरगर और उमर शेख की रिहाई के लिए तैयार हो गई. बता दें कि सभी हाईजैकर पाकिस्तानी थे. इनके नाम इब्राहिम अतहर, शाहिद अख्तर सईद, सनी अहमद काजी, मिस्त्री जहूर इब्राहिम और शाकिर थे. इन सभी ने अपने कोड नेम हिंदू नामों के आधार पर रखे थे.

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