IIT Kanpur: सर्दी हो या गर्मी, लोगों को बिजली फॉल्ट को से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. अब इस प्रॉबल्म से निपटने के लिए पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और आईआईटी कानपुर ने साथ मिलकर एक खास रोबोट का निर्माण किया है.
03 May, 2024
Indias first inspection robot: पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और आईआईटी कानपुर ने खास रोबोट विकसित किया है. इसे पावर सबस्टेशनों का इंस्पेक्शन करने और गड़बड़ियों का पता लगाने के लिए डिजाइन किया गया है. ये रोबोट खुद काम करता है साथ ही ये उन जगहों का भी निरीक्षण कर सकता है, जहां जाना इंसानों के लिए खतरनाक है. इस रोबोट द्वारा कुछ ही समय् में फाल्ट का कहीं पर भी आसानी से पता चल जाएगा. साथ ही रोबोट सब स्टेशनों पर इंस्पेक्शन के काम को करने में भी सक्षम है. आइए जानते हैं क्या है आईआईटी कानपुर के खास रोबोट की विशेषता.
कैसे करता है काम
आईआईटी कानपुर के सीनियर प्रोफेसर बिशाख भट्टाचार्य के मुताबिक, ‘इसकी सबसे जरुरी चीज है कि ये रोबोट पूरी तरह से स्वयंशासित और ऑटोनोमस है. इसके साथ ही ये रोबोट एक मोबाइल रोबोट है जो पावर सबस्टेशन के अंदर चलते रहते हैं. इस सबस्टेशन में मैग्नेटिक फिल्ड है जो इंसान के लिए बहुत हानिकारक है. अगर यहां रोबोट जाएगा तो किसी को कोई दिकक्त नहीं होगी. रोबोट ऑटोनोमस खुद ही बुक करेगा उसकी रिपोर्ट हैटेली रोबोटिक सिस्टम में है. साथ ही कंप्यूटर में हम देखते रहेंगे कि क्या हो रहा है.’
चल रहा है काम
सबस्टेशनों में किसी भी तरह की खराबी का पता लगाने के लिए रोबोट में कई कैमरे लगे हैं. सीनियर प्रोफेसर बिशाख भट्टाचार्य ने आगे बताया, पिछले करीब डेढ़ साल से ये काम शुरू हो चुका है. रोबोट भी अब लगभग तैयार हैं. आप देख पाएंगे, अभी जो सबसे जरुरी काम इस पर चल रहा है वो है सिमुल्टेनियस लोकेशन एंड मैप, जिससे वो
अपने आप ऑटोनोमस हो जाए. सिर्फ इस एक काम को छोड़कर बाकी सब लगभग अब तैयार है.
क्या है लागत
रोबोट बनाने की लागत करीब एक करोड़ रुपये आई है. ये पांच से 10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकता है और पूरे सबस्टेशन का इंस्पेक्शन करीब दो घंटे में कर सकता है.
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