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5 साल बाद फिर शुरू होगी कैलाश मानसरोवर यात्रा, भारत-चीन के विदेश सचिवों की मीटिंग में हुआ फैसला

by Divyansh Sharma
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Kailash Mansarovar Yatra 2025: कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू करने का फैसला ले लिया है. विदेश मंत्रालय ने इस बात की जानकारी दी है.

Kailash Mansarovar Yatra 2025: विश्व प्रसिद्ध कैलाश मानसरोवर को लेकर बहुत बड़ी जानकारी सामने आ रही है. भारत और चीन ने कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू करने का फैसला ले लिया है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने सोमवार को इस बात की जानकारी दी है. बता दें कि भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी और चीनी समकक्ष सन वेइदोंग के साथ बातचीत में यह फैसला लिया गया है.

दोनों देशों के बीच शुरू होगी डायरेक्ट फ्लाइट

बता दें कि भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी 26 और 27 जनवरी को चीन के दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने चीनी समकक्ष सन वेइदोंग के साथ बातचीत की. सोमवार को इस बैठक में कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू करने का फैसला लिया गया. इसके साथ ही कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए दोनों देशों के बीच डाइरेक्ट फ्लाइट भी शुरू होगी.

हालांकि, यह यात्रा कब से शुरू होगी, इसकी आधिकारिक डेट की घोषणा नहीं की गई है. फिर भी बताया जा रहा है कि दोनों पक्षों ने इस साल की गर्मियों में कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू करने का फैसला लिया गया है. MEA यानि भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक भारत और चीन ने यह फैसला दोनों पक्ष संबंधों को स्थिर करने के लिए और आम लोगों की सहूलियत के लिए लिया है.

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क्या है कैलाश मानसरोवर यात्रा का महत्व

गौरतलब है कि साल 2020 में 16-16 जून को गलवान में भारतीय और चीनी सेना के बीच विवाद हो गया था. इस विवाद में भारत और चीन के कई सैनिक मारे गए थे. इसके बाद से दोनों देशों के बीच विवाद की स्थिति देखने को मिली थी. पिछले साल दोनों देशों के बीच रिश्तों पर जमी बर्फ पिघलने लगी. इसके बाद पिछले साल ही रूस के कजान में BRICS शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बैठक हुई थी.

इस बैठक में दोनों देशों के बीच रिश्तों को सुधारने पर जोर दिया गया था. इसके बाद दोनों देशों के उच्च अधिकारी रिश्तों को सामान्य बनाने में लगे हुए हैं. बता दें कि हीरे के समान विशालकाय असामान्य आकार वाले अनगिनत अनसुलझे पहलुओं से भरा कैलाश पर्वत हर धर्म में पूजनीय है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव को निवास स्थल है. कैलाश पर्वत के दर्शन के लिए दुनिया भर से हजारों की संख्या में भक्त आते हैं.

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