Manipur Violence: मणिपुर में हिंसा रुकने का नाम नहीं ले रही है. आए दिन कहीं न कहीं हिंसा की वजह से बवाल खड़ा हो रहा है. इस बीच ज्वाइंट कमेटी ने धरना प्रदर्शन तेज कर दिया है.
Manipur Violence: मणिपुर मे चल रही हिंसा न जानें और कितने घरों को बर्बाद करेगी. लगातार चल रही हिंसा की वजह से वहां के लोगों को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इस बीच JAC यानी ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने मणिपुर की राजधानी इंफाल में अपना धरना-प्रदर्शन तेज कर दिया है. इसकी बड़ी वजह, लापता लैशराम कमलबाबू को जल्द से जल्द तलाशना है. आपको बता दें कि लैशराम कमलबाबू 25 नवंबर से लेइमाखोंग सैन्य स्टेशन से लापता हैं.
JAC ने रखी मांग
JAC सदस्यों की मानें तो मणिपुर में प्रमुख नागरिक समाज संगठनों के नेताओं के साथ एक बैठक भी बुलाई गई. इस बैठक में राज्य सरकार से 5 दिनों के अंदर इन मामलों पर कैबिनेट स्तर का फैसला लेने का अनुरोध किया गया है. JAC के सदस्यों ने इस बात पर जोर दिया कि अगर असम के कछार जिले के मूल निवासी और वर्तमान में लोइतांग खुनौ में रह रहे लैशराम कमलबाबू सिंह का पता नहीं चलता है, तो वे लेइमाखोंग से 57 माउंटेन डिवीजन को हटाने के लिए उनपर लगातार दबाव डालेंगे.
सदस्यों ने की बात
इस मुद्दे पर JAC की सदस्य जे. अनीता ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हम लोगों ने ये फैसला मीटिंग के बाद लिया है. हमारा फैसला ये है कि मणिपुर सरकार कैबिनेट की बैठक बुलाए, उस बैठक में लैशराम कमलबाबू को जल्द से जल्द खोजने की बात रखी जाए. मणिपुर के समाज कल्याण मंत्री हेइखम डिंगो ने एलान किया कि कथित तौर पर लेइमाखोंग सैन्य स्टेशन से लापता हुए लैशराम कमलबाबू सिंह से जुड़े सभी दस्तावेज प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह के कार्यालयों को सौंप दिए गए हैं.
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