Jammu-Kashmir Terrorist Attack: हमले की जिम्मेदारी TRF यानी द रेजिस्टेंस फ्रंट (The Resistance Front) ने ली है, जिसे लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) का प्रॉक्सी माना जाता है.
Jammu-Kashmir Terrorist Attack: जम्मू-कश्मीर में रविवार (20 अक्टूबर) की रात बहुत बड़ा आतंकी हमला हुआ है. हमले में स्थानीय और गैर-स्थानीय लोगों को निशाना बनाकर दो से तीन आतकियों ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी.
इस हमले में एक डॉक्टर समेत 7 लोगों की मौत हो गई है. अब जानकारी सामने आ रही है कि इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन TRF यानी द रेजिस्टेंस फ्रंट (The Resistance Front) ने ली है.
बता दें कि TRF को बड़े आतंकी संगठन जिसे लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) का प्रॉक्सी माना जाता है.
Jammu-Kashmir Terrorist Attack: भारत में है बैन
बता दें कि रविवार की रात जम्मू-कश्मीर के गांदरबल (Ganderbal) जिले के गगनगीर (Gagangir) इलाके में आतंकियों ने बड़ी वारदात को अंजाम दिया.
दो से तीन आतकियों ने ऑटोमैटिक राइफल से गांदरबल के गुंड में सुरंग परियोजना पर काम कर अपने शिविर में लौट रहे मजदूरों और अन्य कर्मचारियों अंधाधुंध फायरिंग कर दी.
इस हमले में शहनवाज अहमद नाम के डॉक्टर और 6 मजदूरों की मौत हो गई. मुख्यमंत्री उमर अब्दुला ने X पोस्ट में जानकारी दी है कि मृतकों का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है.
बता दें कि हमले में 5 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हैं. इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन TRF ने ली है.
गौरतलब है कि, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने साल 2023 में UAPA के तहत 5 और 6 जनवरी को पीपुल्स एंटी-फासीस्ट-फ्रंट (PAFF) के साथ TRF को आतंकी संगठन घोषित कर बैन लगा दिया.
सेना-पुलिस के बड़े अधिकारियों को मारी गोली
दावा किया जाता है कि TRF हाफिज सईद के आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के साथ जुड़ा हुआ है और घाटी में कई बड़ी और खौफनाक आतंकी वारदातों को अंजाम दे चुका है.
TRF के आतंकी खास तौर पर जम्मू-कश्मीर में रहने वाले प्रवासियों को निशाना बनाते रहे हैं. TRF साल 2019 में घाटी से अनुच्छेद 370 हटने के बाद एक्टिव हुआ.
TRF के आतंकियों को फंडिंग और ट्रेनिंग पाकिस्तानी आकाओं यानी हाफिज सईद (Hafiz Saeed) जैसे आतंकियों से ही मिलती है. TRF साल 2023 में भी बहुत बड़े हमले को अंजाम दे चुका है.
दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के कोकेरनाग के हलूरा गंडूल इलाके में भारतीय सेना के कर्नल मनप्रीत सिंह, कमांडिंग मेजर आशीष धोनैक और जम्मू-कश्मीर पुलिस के DSP हुमायूं भट TRF के आतंकियों के साथ हुए मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गए थे.
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2020 में भी आतंकी हमले को दिया था अंजाम
TRF साल 2020 में भी एक बड़े आतंकी हमले को अंजाम दे चुका है. दक्षिणी कश्मीर के कुलगाम में भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा के महासचिव फिदा हुसैन और पार्टी नेता कार्यकर्ता उमर राशिद बेग और उमर रमजान हाजम की बेरहमी से हत्या कर दी थी.
बता दें कि TRF लश्कर-ए-तैयबा का प्रॉक्सी माना जाता है. इस संगठन को बनाने की साजिश सरहद पार यानी पाकिस्तान से ही रची गई थी.
दरअसल, जैश-ए-मोहम्मद की ओर से 14 फरवरी 2019 को पुलवामा हमले की जिम्मेदारी लेते ही पाकिस्तान दुनिया के सामने बेनकाब हो गया था.
ऐसे में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) जैसे बड़े आतंकी संगठनों को कवर देने के लिए ISI यानी पाकिस्तानी इंटेलिजेंस (Inter-Services Intelligence) नेआतंकियों के साथ मिलकर TRF को बनाया.
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