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Sadhguru Jaggi Vasudev के Isha Foundation को बड़ी राहत, SC ने कार्रवाई पर लगाई रोक

by Divyansh Sharma
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Sadhguru Jaggi Vasudev के Isha Foundation को बड़ी राहत, SC ने आगे की कार्रवाई पर लगाई रोक- Live Times

Isha Foundation Case: पीठ ने आध्यात्मिक गुरु जग्गी वासुदेव (Jaggi Vasudev) के आश्रम में रहने वाली दोनों महिलाओं से सुनवाई के दौरान बातचीत भी की.

Isha Foundation Case: आध्यात्मिक गुरु जग्गी वासुदेव (Sadhguru) के ईशा फाउंडेशन को बहुत बड़ी राहत मिली है. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाई कोर्ट (Madras High Court) के आदेश पर रोक लगा दी है और तमिलनाडु पुलिस को निर्देश दिया है कि आगे कोई भी कार्रवाई न करे. भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह निर्देश जारी किया है.

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud), न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की खंडपीठ ने आध्यात्मिक गुरु जग्गी वासुदेव (Jaggi Vasudev) के आश्रम में रहने वाली दोनों महिलाओं से सुनवाई के दौरान बातचीत भी की.

पीठ ने दोनों महिलाओं से बातचीत

सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश तब आया है, जब ईशा फाउंडेशन ने मद्रास हाई कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ SC का दरवाजा खटखटाया, जिसमें तमिलनाडु सरकार को उसके खिलाफ दर्ज सभी आपराधिक मामलों की जानकारी देने को कहा गया था. सर्वोच्च न्यायालय ने फाउंडेशन से जुड़ा मामला भी मद्रास हाई कोर्ट से अपने पास स्थानांतरित कर लिया. बता दें कि सेवानिवृत्त प्रोफेसर एस कामराज (S. Kamaraj) के एक व्यक्ति ने मद्रास हाई कोर्ट में एक याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि उसकी दोनों बेटियों का ब्रेनवॉश करके उन्हें कोयंबटूर स्थित फाउंडेशन के आश्रम में रहने के लिए मजबूर किया गया है.

इस पर पीठ ने दोनों महिलाओं से बातचीत की. महिलाओं ने बताया कि वह अपनी मर्जी से आश्रम में रह रही हैं और किसी ने उन्हें बंधक नहीं बनाया है. इसके बाद पीठ ने आदेश पारित करते हुए कहा कि पुलिस हाई कोर्ट के निर्देशों के अनुपालन में आगे कोई कार्रवाई नहीं करेगी. ईशा फाउंडेशन की ओर से पेश वकील मुकुल रोहतगी ने पीठ से कहा कि यह धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दे हैं. आश्रम में 5 हजार लोग रहते हैं.

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सॉलिसिटर जनरल ने भी किया समर्थन

वकील ने आगे कहा कि यह बहुत जरूरी और गंभीर मामला है. सद्गुरु बहुत पूजनीय हैं और उनके लाखों अनुयायी हैं. उच्च न्यायालय मौखिक बयानों पर ऐसी जांच शुरू नहीं कर सकता. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी ईशा फाउंडेशन के मामले का समर्थन करते हुए कहा कि हाई कोर्ट को बहुत सावधान रहना चाहिए था. इस पर आपको ध्यान देने की आवश्यकता है. बता दें कि सेवानिवृत्त प्रोफेसर एस कामराज ने मद्रास हाई कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि उनकी 42 और 39 वर्षीय दो पढ़ी-लिखी बेटियों का कोयंबटूर के ईशा योग केंद्र में रहने के लिए ब्रेनवॉश किया गया है.

उन्होंने आगे कहा कि परिवार के लोगों से भी संपर्क बनाए रखने की अनुमति नहीं दी. मद्रास हाई कोर्ट ने जांच के आदेश दिए. आदेश के बाद ईशा फाउंडेशन के खिलाफ आपराधिक मामलों का ब्यौरा मांगने के निर्देश जारी किए गए. आदेश के बाद ईशा फाउंडेशन के आश्रम पर छापा पुलिस ने छापा मारा. वकील मुकुल रोहतगी ने बताया कि करीब 150 पुलिस अधिकारी फाउंडेशन के आश्रम में घुस गए और हर कोने की जांच की.

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