CJI Appointed : भारत के संविधान में इस बात का कोई जिक्र नहीं है कि आखिर देश के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति कैसे होनी चाहिए.
CJI Appointed : देश के 51वें मुख्य न्यायाधीश के तौर पर जस्टिस संजीव खन्ना ने सोमवार को शपथ ले ली है. CJI संजीव खन्ना का कार्यकाल केवल 6 महीनों का ही रहेगा, 13 मई 2025 को अपने पद से रिटायर हो जाएंगे. CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने ही संजीव खन्ना की सिफारिश की थी. बता दें कि डीवाई चंद्रचूड़ दो साल तक सीजेआई के रूप में काम करते रहे, लेकिन संजीव खन्ना केवल 6 महीनों तक ही इस पद पर बने रहेंगे. ऐसे में अब यह सवाल उठता है कि चीफ जस्टिस की नियुक्ति कैसे होती है और इनका कार्यकाल कैसे तय होता है? तो चलिए इन सारे सवालों का जवाब जानते हैं.
संविधान में नहीं है इसका जिक्र
भारत के संविधान में इस बात का कोई जिक्र नहीं है कि आखिर देश के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति कैसे होनी चाहिए. अनुच्छेद 124 (1) कहता है कि देश में एक सुप्रीम कोर्ट होगा और उसमें भारत का एक मुख्य न्यायाधीश होगा. लेकिन इस अनुच्छेद में यह नहीं बताया गया है कि चीफ जस्टिस योग्यता क्या होनी चाहिए. हालांकि अनुच्छेद 126 में CJI की नियुक्ति को लेकर जिक्र किया गया है.
चीफ जस्टिस की नियुक्ति के क्या है नियम
CJI की नियुक्ति को लेकर संवैधानिक प्रावधान न होने के कारण ही अभी तक पिछली परंपराओं के अनुसार चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की नियुक्ति की जाती है. इसके तहत जब मौजूदा सीजेआई रिटायर होंगे तो सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ जज को मुख्य न्यायाधीश की जगह दी जाती है. बता दें कि मुख्य न्यायाधीश का चयन उनकी उम्र से नहीं बल्कि इस बात से तय किया जाता है कि उनको सुप्रीम कोर्ट का जज कब नियुक्त किया गया था. इसमें सबसे अहम बात यह है कि मुख्य न्यायाधीश वही होगा जो लंबे समय से सुप्रीम कोर्ट में जज है, वो उतना ही वरिष्ठ माना जाता है.
कैसे माना जाता है वरिष्ठ
इसको आप इस तरह से समझ सकते हैं कि मान लीजिए मुख्य न्यायाधीश रिटायर हो रहे हैं. ऐसे में एक जज है, जिनकी 63 साल है और वो 5 साल से सुप्रीम कोर्ट में काम कर रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ एक दूसरे जज हैं जिनकी उम्र 62 साल है और उन्होंने 6 साल सुप्रीम कोर्ट में काम किया है तो 62 साल की उम्र वाला जज को ही वरिष्ठ माना जाएगा और उन्हें ही अगला सीजेआई बनाया जाएगा. ऐसी स्थिति में कई बार मामला पेचीदा भी हो जाता है, जब दो जजों की नियुक्ति एक ही दिन हुई हो. ऐसे भी कई मामले सामने आए हैं.
कैसे तय होती है कार्यकाल की अवधि
मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा किया जाता है. सुप्रीम कोर्ट के जजों के बीच से इनकी नियुक्ति होती है. इसकी पूरी प्रक्रिया न्यायपालिका की स्वायत्तता पर निर्भर होती है और इसमें सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं होता है. बता दें कि चीफ जस्टिस 65 वर्ष की आयु में रिटायर हो जाते हैं. इसका मतलब यह है कि जिनकी उम्र 65 वर्ष से कम है वही अपने पद पर बने रह सकते हैं. मुख्य न्यायाधीश के पद पर सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश को ही बठाया जाता है. ऐसे में अब क्योंकि जजों को 65 साल की उम्र में रिटायर होना है, तो मुख्य न्यायाधीश के कार्यकाल की अवधि इस पर निर्भर करती है कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में जज बनते समय उनकी उम्र क्या थी.
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