GST Council Meeting: GST काउंसिल की 54 वीं बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं. इसकी जानकारी खुद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मलासीतारमन ने पत्रकार वार्ता करके दी.
GST Council Meeting: 54वीं जीएसटी परिषद बैठक में 2000 रुपये से कम के ऑनलाइन ट्रांजेक्शन पर 18% जीएसटी लगने का मामला अटक गया है, जबकि पेमेंट्स एग्रीगेटर्स को 2,000 रुपये से कम की राशि के लेन-देन पर जीएसटी से छूट दी गई है. इसी तरह बैठक में कुछ खास तरह के नमकीन पर GST 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया है. इससे चुनिंदा नमकीन की कीमतें में कमी आने की उम्मीद है. GST काउंसिल की बैठक के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने कहा कि GST काउंसिल की 54वीं बैठक में कई फैसले लिए गए है. दर युक्तिकरण (Rate rationalisation) पर मंत्रियों के समूह (GOM) और रियल एस्टेट पर GOM ने सोमवार (09 सितंबर, 2024) को स्थिति रिपोर्ट सौंपी. ऑनलाइन गेमिंग और कैसीनो पर स्थिति प्रस्तुत की गई. उन्होंने बताया कि 6 महीने के दौरान ऑनलाइन गेमिंग के जरिये राजस्व 412% बढ़कर 6909 करोड़ रुपये हो गया है.
GST दर में कटौती के लिए मंत्री समूह का गठन
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि चिकित्सा स्वास्थ्य बीमा पर GST दर में कटौती के लिए नया मंत्री समूह गठित किया गया है. समूह अक्टूबर के अंत तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगा. उन्होंने यह भी कहा कि स्वास्थ्य बीमा पर दर कम करने पर निर्णय लेने के लिए नवंबर में GST परिषद की बैठक होगी. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि GST परिषद क्षतिपूर्ति उपकर पर मंत्री समूह गठित करने पर सहमत हुई है. उन्होंने बताया कि कैंसर की दवाओं पर भी GST दरें कम की जा रही हैं. कैंसर के इलाज की लागत को और कम करने के लिए इसे 12% से घटाकर 5% किया जा रहा है. बैठक में नमकीन खाद्य पदार्थों पर भी निर्णय लिया गया है. इन पर GST दर संभावित तौर पर 18 से घटाकर 12% किया जा रहा है.
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आतिशी बोलीं, मानी गई बात
54वीं GST परिषद बैठक पर दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने बताया कि सोमवार को GST परिषद की 54वीं बैठक हुई. इसमें एक महत्वपूर्ण मुद्दा था कि शैक्षणिक संस्थानों को रिसर्च ग्रांट मिलती है उस पर बात हुई. दिल्ली और पंजाब सरकार लगातार इस मुद्दे को उठाती आई है कि रिसर्च ग्रांट पर GST नहीं लगनी चाहिए, उस GST लगना टैक्स आतंक के बराबर है. हमें खुशी है कि इसमें केंद्र और राज्य सरकारों की सहमति बनी और जो मुद्दा दिल्ली और पंजाब सरकार बार-बार उठा रही थी उसका फैसला हुआ है.
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