ओडिशा के हीराकुंड बांध की सुरक्षा और बाढ़ के पानी की निकासी क्षमता में वृद्धि के लिए जल्द ही अतिरिक्त स्पिलवे का काम शुरू किया जाएगा.इस परियोजना पर लगभग 884 करोड़ रुपये की लागत आएगी.
Odisha: ओडिशा के हीराकुंड बांध की सुरक्षा और बाढ़ के पानी की निकासी क्षमता में वृद्धि के लिए जल्द ही अतिरिक्त स्पिलवे का काम शुरू किया जाएगा.इस परियोजना पर लगभग 884 करोड़ रुपये की लागत आएगी. मालूम हो कि हीराकुंड बांध पर अतिरिक्त स्पिलवे का मतलब है, बांध में अतिरिक्त पानी निकालने के लिए बनाए जाने वाले नए रास्ते. इन स्पिलवे से बाढ़ का पानी सुरक्षित रूप से निकाला जा सकता है और बांध पर कोई खतरा नहीं रहता है.
केंद्रीय जल आयोग ने पहले ही बांध की बाढ़ जल निकासी क्षमता बढ़ाने की सिफारिश की है. इसी सिलसिले में विश्व बैंक और केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के विशेषज्ञों वाली नौ सदस्यीय टीम ने 8 मार्च को हीराकुंड बांध के बाएं बांध और पुनर्वास कॉलोनी में निर्माण के लिए प्रस्तावित स्थल का दौरा किया. उन्होंने कहा कि टीम ने बांध के दाहिने बांध, पावर चैनल, इसके गेटों का भी निरीक्षण किया और अतिरिक्त स्पिलवे परियोजनाओं से संबंधित दस्तावेजों की समीक्षा की.
जल्द शुरू होगा अतिरिक्त स्पिलवे कार्य, आएगी 884 करोड़ रुपये की लागत
ऊपरी महानदी बेसिन के मुख्य अभियंता सुशील कुमार बेहरा ने कहा कि सरकार से प्रशासनिक मंजूरी मिलने के तुरंत बाद अतिरिक्त स्पिलवे कार्य के लिए निविदा जारी कर दी जाएगी. इस परियोजना पर लगभग 884 करोड़ रुपये की लागत आएगी. प्रस्तावित अतिरिक्त स्पिलवे बांध की लंबाई 91 मीटर होगी और इसमें पांच स्लुइस गेट होंगे.नया स्पिलवे चैनल जलाशय के बाएं बांध पर गांधी मीनार के पास से निकलेगा और जवाहर उद्यान के पास महानदी नदी से मिलेगा. CWC ने बांध की बाढ़ के पानी की निकासी क्षमता को बढ़ाने की सिफारिश की थी.
उन्होंने बताया कि परियोजना का प्रस्ताव करते समय मौसम संबंधी परिवर्तन, जलवायु परिवर्तन और संभावित अधिकतम बाढ़ जैसे कारकों पर विचार किया गया था. वर्तमान में बांध में बाढ़ के पानी को छोड़ने के लिए 64 स्लुइस गेट और 34 क्रेस्ट गेट सहित 98 गेट हैं. अतिरिक्त स्पिलवे के निर्माण के बाद बांध लगातार बारिश और अचानक बाढ़ की स्थिति में 15 लाख क्यूसेक से 25 लाख क्यूसेक पानी को संभालने में सक्षम होगा. जिससे बांध पर कोई खतरा नहीं रहेगा. स्पिलवे हीराकुंड की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह बांध पर पानी के भार को कम करता है. यदि जलाशय अत्यधिक वर्षा के कारण अधिकतम बाढ़ स्तर तक पहुंच जाता है.
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