Giriraj Singh News: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने एक ओर नरेन्द्र मोदी की तारीफ की तो बंटी-बबली की जरिये बिना नाम लिए कांग्रेस के नेताओं को कोसा.
Giriraj Singh News: एक बार की बात है दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के एक कोने में बंटी और बबली नाम के दो शातिर लोग रहते थे. दिखने में भोले-भाले लगने वाले ये दोनों असल में बड़े चालाक और स्वार्थी थे. उनकी एक ही ख्वाहिश थी शक्ति और धन, लेकिन अपने दम पर कुछ हासिल करने की बजाय ये लोग शॉर्टकट की तलाश में रहते थे.
जॉर्ज सोरोस को घेरा
एक दिन उनकी मुलाकात एक विदेशी ताकतवर व्यक्ति से हुई, जिसका नाम सोरोस था. सोरोस का उद्देश्य था उस लोकतंत्र को कमजोर करना ताकि वह अपने फायदे के लिए उसे नियंत्रित कर सके. बंटी और बबली ने अपनी चालाकी दिखाई और सोरोस से कहा कि हम तुम्हारे मकसद में मदद करेंगे, बदले में हमें धन और समर्थन चाहिए. जॉर्ज सोरोस ने उन्हें अपना आशीर्वाद दिया और कई टिप्स दिए. इसमें कैसे जनता को भ्रमित किया जाए, झूठी खबरें फैलाकर देश को कैसे कमजोर किया जाए और लोकतंत्र को किस तरह अस्थिर किया जाए? जैसी बातें भी शामिल थीं. इसके अलावा उन्होंने बंटी और बबली को धन का एक बड़ा भंडार भी सौंपा.
झूठे वादे करने का आरोप
वहीं, बंटी और बबली ने तुरंत भेष बदला और देश में भ्रम फैलाने का काम शुरू कर दिया. वे अलग-अलग जगहों पर गए और लोगों को गलत बातें समझाईं और झूठे वादे भी किए. हर बार जनता को भटकाने की कोशिश की गई, लेकिन उनका दुर्भाग्य यह था कि देश के पास एक ऐसा सेवक था जो अपनी ईमानदारी और कर्तव्यपरायणता से जनता के दिल में बसा हुआ था. देश का सेवक हर बार जनता के सामने गया और सच्चाई के साथ अपनी बात रखी. जनता ने भी हर बार उस पर विश्वास किया और उसे तीन बार लगातार अपना नेता चुना. बंटी और बबली हर बार अपनी साजिशों में नाकाम रहे. जॉर्ज सोरोस यह सब देखकर बेहद नाराज हुआ. इसके बाद उसने बंटी और बबली को आखिरी मौका दिया और कहा कि अगर इस बार तुम नाकाम हुए तो समझ लो तुम्हारा खेल खत्म. डर के मारे बंटी और बबली ने और अधिक ताकत लगाई. उन्होंने फर्जी कहानियां गढ़ीं, सामाजिक वैमनस्य फैलाने की कोशिश की और लोकतंत्र को कमजोर करने की हर संभव कोशिश की.
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गिरिराज सिंह ने की PM मोदी की तारीफ
देश का सेवक एक बार फिर अपनी सच्चाई, कर्तव्य और जनता के प्रति निष्ठा के साथ सामने आया. उसने हर साजिश को नाकाम किया. उसकी कड़ी मेहनत और ईमानदारी ने जनता को फिर से दिखा दिया कि लोकतंत्र की असली ताकत उसके सच्चे सेवकों और जागरूक नागरिकों में होती है न कि झूठ और छल में. देश के सेवक से बंटी और बबली को फिर से मुंह की खानी पड़ी. उनके झूठ का पर्दाफाश हुआ और जॉर्ज सोरोस ने भी अंततः अपना हाथ खींच लिया. वह समझ गया कि इस लोकतंत्र को झुकाना या तोड़ना नामुमकिन है. आखिरकार बंटी और बबली के मंसूबे धरे के धरे रह गए. देश का सेवक अपनी ईमानदारी और कर्तव्य से लोकतंत्र की सेवा करता रहा. जनता ने फिर से साबित कर दिया कि सच्चाई और लोकतंत्र की ताकत से बड़ी कोई शक्ति नहीं.
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