Home National बरेली में 15 साल पहले गाजियाबाद की ACP पर चढ़ाई थी कार, तीन सिपाहियों सहित चार दोषी, जेल

बरेली में 15 साल पहले गाजियाबाद की ACP पर चढ़ाई थी कार, तीन सिपाहियों सहित चार दोषी, जेल

by Sanjay Kumar Srivastava
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COURT

उत्तर प्रदेश के बरेली शहर में वर्ष 2010 में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक (यातायात) को कार से घसीटकर जान लेने की कोशिश की गई थी. आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया था.

UP: उत्तर प्रदेश के बरेली शहर में वर्ष 2010 में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक (यातायात) को कार से घसीटकर जान लेने की कोशिश की गई थी. आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया था. इसी मामले में 15 साल बाद फैसला आया, जिसमें चार को दोषी ठहराया गया है. इनमें विभाग के ही तीन सिपाही शामिल हैं. सजा पर सुनवाई 24 फरवरी को होगी.

पुलिस ने चारों आरोपियों को भेजा जेल

तत्कालीन एसपी (यातायात) कल्पना सक्सेना अवैध वसूली की शिकायत पर जांच करने पहुंची थी. जब एसपी ने आरोपियों को रंगे हाथ पकड़ा तो आरोपी बौखला गए. आरोपियों ने कल्पना सक्सेना पर कार चढ़ाने की कोशिश की. जब आरोपी असफल हो गए तो एसपी का हाथ पकड़कर करीब 200 मीटर तक घसीटा. कल्पना सक्सेना इस समय गाजियाबाद में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (ACP) के पद पर तैनात हैं. वर्ष 2010 में एसपी यातायात रहीं कल्पना सक्सेना पर कार चढ़ाने व घसीटकर जान से मारने की कोशिश करने वाले तीन सिपाहियों सहित चार अभियुक्तों को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुरेश कुमार गुप्ता ने दोषी करार दिया है. शुक्रवार को कोर्ट ने फैसला सुनाया. इसके बाद चारों आरोपियों को जेल भेज दिया गया है.

अवैध वसूली की शिकायत पर पहुंचीं थीं पुलिसकर्मियों को पकड़ने

IPS कल्पना वर्तमान में गाजियाबाद में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त हैं. घटना दो सितंबर 2010 को कैंट थाना क्षेत्र में बरेली-शाहजहांपुर रोड स्थित मजार के पास हुई थी. सूचना पर एसपी (यातायात) ट्रक चालकों से अवैध वसूली कर रहे यातायात पुलिसकर्मियों को पकड़ने पहुंचीं थीं. तब सिपाही रविंद्र, रावेंद्र, मनोज और एक अन्य आरोपी धर्मेंद्र ने कार से कुचलकर उनकी जान लेने की कोशिश की थी. पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर आरोपपत्र दाखिल किया. कोर्ट में 14 गवाह और 22 साक्ष्य पेश किए गए. दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने चारों को दोषी करार दिया है.

एसपी को देखकर पुलिसकर्मियों में मच गया था हड़कंप

IPS कल्पना ने दर्ज शिकायत में कहा था कि दो सितंबर 2010 को वह चालक कांस्टेबल संजय सिंह, हमराह सिपाही ऋषिपाल व जीत सिंह के साथ चौकी चौराहे पर ड्यूटी पर थीं. कैंट क्षेत्र में मजार के पास हाईवे पर यातायात पुलिसकर्मियों द्वारा ट्रक रोककर अवैध वसूली की सूचना मिली तो वह मौके पर पहुंचीं. वहां फरीदपुर की तरफ से आने वाले कुछ ट्रक सड़क किनारे खड़े थे. पुलिसकर्मी ट्रक चालकों से अवैध वसूली कर रहे थे. आरोपी पुलिसकर्मियों को पकड़ने के लिए वह हमराही के साथ कार के सामने पहुंच गईं. कार की पिछली सीट पर कांस्टेबल रविंद्र और रावेंद्र बैठे थे. एसपी को देखकर वहां हड़कंप मच गया.

कल्पना सक्सेना ने आरोपियों को पकड़ने की कोशिश की तो मनोज ने कार स्टार्ट कर उनको कुचलने की कोशिश की, पर वह बच गईं. एसपी ने चलती कार में ही कांस्टेबल मनोज की गर्दन पकड़ ली. कार रोकने के लिए कहा लेकिन आरोपियों ने ऐसा नहीं किया. पीछे बैठे सिपाही रविंद्र ने कल्पना के हाथों को पकड़ लिया और उन्हें 200 मीटर तक घसीटा. जब नहीं कुचल पाए तो उनको धक्का देकर भाग गए.

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