Bihar Underworld: मोहम्मद शहाबुद्दीन से लेकर आनंद मोहन तक और अनंत सिंह से सोनू-मोनू तक बिहार के अंडरवर्ल्ड की अनसुनी कहानियों ने लोगों के मन में अपनी एक भयानक पहचान बनाई है.
Bihar Underworld: बाहुबलियों का बिहार की राजनीति से एक पुराना और गहरा रिश्ता रहा है, जिनका प्रभाव राज्य की राजनीति पर भी देखा जाता है. ऐसे बाहुबलियों की एक लंबी लिस्ट है, जिन्होंने बिहार की राजनीतिक परिदृश्य को अपनी ताकत और प्रभाव से प्रभावित किया है. साल 2005 में नीतीश कुमार की सरकार बनने के बाद बाहुबलियों की सियासत पर जरूर ब्रेक लग गया, लेकिन बदलते हालात में वह एक बार फिर से राजनीतिक मैदान में सक्रिय हो गए हैं. अब इन बाहुबलियों का प्रभाव बिहार की सियासत में एक बार फिर देखा जा रहा है.
बिहार में सियासी गर्मी
बिहार के पूर्व विधायक सिंह पर हुई गोलीबारी से एक बार फिर लोगों के मन में दहशत पैदा कर दी है. वहीं, अगर 90 के दशक की बात की जाए तो गोलियों की तड़तड़ाहट आम थी, लेकिन जब यह गोलियां सुशासन राज में चल रही हों तो फिर हैरान होना लाजमी है और फिर सुशासन के उन दावों का क्या?
जब चलता था बाहुबलियों का साम्राज्य
इस खूनी संघर्ष के बीच उस दौर की बात करते हैं जब बाहुबलियों का साम्राज्य चलता था. उन दिनों बाहुबलियों के दम पर सरकार बनती थी. 90 के दशक में मोहम्मद शहाबुद्दीन जैसे बाहुबलियों का सूबे में सिक्का चलता था. सिवान से साहब का फरमान आता था, तो 1 अणे मार्ग यानि मुख्यमंत्री आवास में बैठे लोगों को फरमान पर हर हाल में अमल करना पड़ता था. बिहार की राजनीति में सबसे बड़ा नाम मोहम्मद शहाबुद्दीन का ही है, जिन्हें लोग साहब के नाम से जाना करते थे. शाहबुद्दीन इस दुनिया में नहीं लेकिन अपराध की दुनिया में उनके किस्से बहुत मशहूर हैं.
सबसे बड़े नामों में शुमार है मोहम्मद शहाबुद्दीन
मोहम्मद शहाबुद्दीन बिहार के बाहुबलियों में सबसे बड़े नामों में से एक थे. सिवान के इस बाहुबली का इस पूरे इलाके में इतना दबदबा था कि उनके बिना कोई कारोबार नहीं होता था, न ही कोई जमीन की खरीद-फरोख्त और न ही कोई राजनीति में कदम रखता था. शहाबुद्दीन अपने समय में लालू यादव के काफी करीबी और भरोसेमंद सहयोगी थे. वर्तमान में उनकी पत्नी हिना शहाब ने सिवान लोकसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा और अब दुबारा से हिना शहाब ने अपने बेटे ओसामा के साथ RJD में वापसी कर ली है.
बाहुबली रहे दिलीप सिंह के छोटे भाई हैं अनंत सिंह
अनंत सिंह यानि छोटे सरकार. एक समय के बाहुबली रहे दिलीप सिंह के छोटे भाई हैं अनंत सिंह. मोकामा से विधायक रहे अनंत सिंह को एके-47 कांड में सजा हुई, जिसके बाद उनकी विधायकी चली गई. उनकी खाली की गई सीट से उनकी पत्नी नीलम देवी विधायक बनी. RJD के टिकट पर नीलम देवी ने चुनाव जीता था लेकिन बाद में उन्होंने अपना समर्थन NDA को दे दिया. एक समय में अनंत सिंह नीतीश कुमार के करीबी सहयोगी माने जाते थे और आज भी उनके रिश्ते JDU के बड़े नेताओं के साथ अच्छे बने हुए हैं.
क्या है पूरा मामला ?
गौरतलब है कि कुछ ग्रामीणों का दावा है कि शुरू में पूर्व विधायक के निर्देश पर उनके समर्थकों ने कुछ गोलियां चलाई थीं. वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि दोनों समूहों के बीच गोलीबारी हुई थी. पुलिस मामले की जांच कर रही है. हालांकि इस हमले में अनंत सिंह बाल-बाल बच गए लेकिन उनकी बाहुबली वाली साख पर बट्टा जरूर लग गया है.
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