Farmer Protest: पंजाब के किसान अपनी मांगों को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं. ऐसे में 4 जनवरी को वह किसान महापंचायत का आह्वान करेंगे.
Farmer Protest: हरियाणा और पंजाब से लगे खनौरी बॉर्डर पर अपनी कई मांगों को लेकर किसान आंदोलन से पीछे नहीं हट रहे हैं. इस बीच किसान 4 जनवरी को खनौरी धरना स्थल पर ‘किसान महापंचायत’ का आह्वान करेंगे. इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा ने 30 दिसंबर को पंजाब बंद का आह्वान किया था. ये कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब सुप्रीम कोर्ट ने एक महीने से ज्यादा समय से अनशन कर रहे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को अस्पताल नहीं ले जाने के लिए पंजाब सरकार को कड़ी फटकार लगाई है.
SC ने लगाई फटकार
SC ने शनिवार को पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए इस बात की भी संभावना जताई कि दूसरे किसान नेताओं ने जगजीत सिंह डल्लेवाल को अस्पताल ले जाने की अनुमति नहीं दी होगी. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए किसान नेता ने एक वीडियो संदेश जारी किया है. इस संदेश में उन्होंने कहा कि वे अनशन पर बैठे हैं. SC में ये रिपोर्ट किसने दी और ये भ्रांति किसने फैलाई कि मुझे बंधक बनाकर रखा गया है, ऐसी बात कहां से सामने आई? उन्होंने आगे कहा कि इस देश के 7 लाख किसान कर्ज की वजह से आत्महत्या कर चुके हैं और किसानों को बचाना जरूरी है, इसलिए वे प्रदर्शन करने के लिए बैठे हैं और किसी के दबाव में नहीं हैं.
पत्र लिखकर किया अनुरोध
अपने संदेश में किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने SC को पत्र भी लिखा है. पत्र में उन्होंने अनुरोध किया है कि वो केंद्र को फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी समेत किसानों की मांगों को स्वीकार करने का निर्देश दे. उन्होंने कहा कि हमने सोचा था कि शायद SC केंद्र को निर्देश देगा.
खराब होते दिख रहे हैं हालात
संयुक्त किसान मोर्चा के नेता काका सिंह कोटड़ा ने कहा कि 70 साल के किसान जगजीत सिंह डल्लेवाल अनिश्चितकालीन अनशन पर हैं. उनका अनशन शनिवार को 33वें दिन में प्रवेश कर गया. उन्होंने आगे कहा कि हम 4 जनवरी को खनौरी में एक बड़ी किसान महापंचायत करेंगे, जिसमें कई राज्यों के किसान शामिल होंगे. वहीं, किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि जगजीत सिंह डल्लेवाल भी महापंचायत को संबोधित कर सकते हैं. उन्होंने पहले ही कहा था कि जब तक सरकार किसानों की मांगें नहीं मान लेती, वो अपना अनशन नहीं तोड़ेंगे.
अस्पताल में भर्ती के लिए दिए थे आदेश
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की अवकाशकालीन पीठ ने अभूतपूर्व सुनवाई करते हुए पंजाब सरकार को किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती करने के वास्ते राजी करने के लिए 31 दिसंबर तक का समय दिया और स्थिति के अनुसार केंद्र से सहायता मांगने की स्वतंत्रता भी दी. पंजाब सरकार ने असमर्थता जताते हुए कहा कि उसे प्रदर्शनकारी किसानों के प्रतिरोध का सामना करना पड़ रहा है, जिन्होंने डल्लेवाल को घेर लिया है और वे उन्हें अस्पताल नहीं ले जाने दे रहे.
अदालत ने कुछ किसान नेताओं के आचरण को भी आश्चर्यजनक और संदिग्ध बताया. इस बीच पंजाब सरकार के अधिकारियों की एक उच्चस्तरीय टीम ने फिर डल्लेवाल से मुलाकात की और उनसे अनुरोध किया कि अगर वे अपना अनशन जारी रखना चाहते हैं तो उन्हें चिकित्सा इलाज कराना चाहिए. जगजीत सिंह डल्लेवाल ने अब तक इलाज से इन्कार किया और राज्य सरकार ने उनके स्वास्थ्य की चौबीसों घंटे निगरानी के लिए डॉक्टरों की एक टीम गठित की है. टीम में पुलिस उपमहानिरीक्षक मनदीप सिंह सिद्धू भी शामिल थे, जिन्होंने जगजीत से कहा कि वे कोई भी स्थान चुन सकते हैं और उनका केवल आवश्यक इलाज ही किया जायेगा.
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