Home Latest राजस्थान में उपराष्ट्रपति ने किसानों को दी बड़ी सलाह, कहा- न बनें किसी का मोहताज, विकास में है अहम योगदान

राजस्थान में उपराष्ट्रपति ने किसानों को दी बड़ी सलाह, कहा- न बनें किसी का मोहताज, विकास में है अहम योगदान

by Sanjay Kumar Srivastava
0 comment
JAGDEEP DHANKHAR

राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में रविवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किसानों को बड़ी सलाह दी है. उन्होंने कहा कि किसान देश का अन्नदाता है, भाग्य विधाता है, किसान के हाथ में विकास की कुंजी है और यही उसकी सबसे बड़ी पूंजी है. उसे किसी की मदद का मोहताज नहीं होना चाहिए.

Rajasthan: राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में रविवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने किसानों को बड़ी सलाह दी है. उन्होंने कहा कि किसान देश का अन्नदाता है, भाग्य विधाता है, किसान के हाथ में विकास की कुंजी है और यही उसकी सबसे बड़ी पूंजी है. उसे किसी की मदद का मोहताज नहीं होना चाहिए.

चित्तौरगढ़ में अखिल मेवाड़ क्षेत्र जाट महासभा को सम्बोधित करते हुए उपरष्ट्रपति ने कहा कि किसान की आर्थिक व्यवस्था में जब उत्थान आता है तो देश की व्यवस्था में उद्धार आता है. किसान दाता है, किसान को किसी की ओर नहीं देखना चाहिए, किसी की मदद का मोहताज किसान नहीं होना चाहिए, क्योंकि किसान के सबल हाथों में राजनीतिक ताकत है, आर्थिक योग्यता है.

विकसित भारत की महायात्रा में किसानों की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता

कहा कि कुछ भी हो जाए, कितनी बाधाएं आएं, कोई भी अवरोधक बने, आज के दिन विकसित भारत की महायात्रा में किसानों की भूमिका को कोई कुंठित नहीं कर सकता. आज की शासन व्यवस्था किसान के प्रति नतमस्तक है. 25 साल पहले हुए जाट आरक्षण आंदोलन के दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि मैं यहां 25 साल बाद आया हूं, 25 साल पहले इसी जगह पर एक बहुत अच्छा काम हुआ था. सामाजिक न्याय की लड़ाई की शुरुआत की थी.

आर्थिक तरक्की के लिए कृषि विज्ञान केंद्रों का लाभ लें किसान

किसानों से कृषि विज्ञान केंद्रों का लाभ लेने का आग्रह करते हुए उन्होंने कहा कि किसान को मदद करने के लिए 730 से ज़्यादा कृषक विज्ञान केंद्र हैं. वहां जाइए और उनसे कहिए कि आप हमारी क्या सेवा करेंगे ? नई तकनीकों का ज्ञान लीजिए, सरकारी नीतियों की जानकारी लीजिए. तब आपको पता लगेगा कि सरकार ने आपके लिए खजाना खोल रखा है,जिसकी जानकारी आपको नहीं है. सहकारिता क्या कर सकती है, आपको जानकारी नहीं है.

किसानों से कृषि उत्पादों के व्यापार और मूल्य संवर्धन में अपनी भागीदारी बढ़ाने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि किसान अपने उत्पाद की मूल्य वृद्धि क्यों नहीं कर रहा ? अनेक व्यापार किसान के उत्पाद पर चालू हैं. आटा मिल, तेल मिल अनगिनत हैं. अब मिलकर हमको करना चाहिए. किसानों को पशुधन की ओर भी ध्यान देना चाहिए. मुझे बड़ी खुशी होती है जब डेयरी बढ़ती है. हमें दूध तक सीमित नहीं रहना है, छाछ तक सीमित नहीं रहना है, दही तक सीमित नहीं रहना है. जितने उत्पाद दूध के बन सकते हैं, पनीर हो, आइसक्रीम हो, रसगुल्ला हो, किसान का योगदान होना चाहिए.

युवाओं को कृषि व्यापार से जुड़ने पर जोर

युवाओं को कृषि व्यापार से जुड़ने पर ज़ोर देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि मेरा आग्रह किसानों से है, किसानों के बेटे-बेटी से है. दुनिया का सबसे बड़ा व्यापार, बेशकीमती व्यापार कृषि उत्पादन का है. किसान अपने उत्पाद के व्यापार से क्यों नहीं जुड़ा हुआ है ? किसान उसमें क्यों नहीं भागीदारी ले रहा है ? हमारे नौजवान प्रतिभाशाली हैं. मेरा आग्रह है कि ज़्यादा से ज़्यादा किसानों को सहकारिता का फायदा लेना चाहिए. इसके दूरगामी आर्थिक सकारात्मक परिणाम होंगे.

ये भी पढ़ेंः PM Kisan Yojana: 31 जनवरी तक किसान करवा लें ये काम, वरना 19 वीं किस्त से रह जाएंगे वंचित, जानें कब मिलेगी सम्मान निधि की खुशखबरी

You may also like

Leave a Comment

Feature Posts

Newsletter

Subscribe my Newsletter for new blog posts, tips & new photos. Let's stay updated!

@2025 Live Time. All Rights Reserved.

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?
-
00:00
00:00
Update Required Flash plugin
-
00:00
00:00