Home National किसान नेता डल्लेवाल को लेकर SC सख्त, पंजाब सरकार की लगाई क्लास! पूछा अब तक क्या किया

किसान नेता डल्लेवाल को लेकर SC सख्त, पंजाब सरकार की लगाई क्लास! पूछा अब तक क्या किया

by Divyansh Sharma
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Farmers Protest: सुनवाई के दौरान कैंसर से पीड़ित जगजीत सिंह डल्लेवाल के स्वास्थ्य को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है. साथ ही पंजाब सरकार को फटकार लगाई है.

Farmers Protest: पंजाब-हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर बैठे किसानों और किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को एक बार फिर से सुनवाई हुई. इस दौरान कैंसर से पीड़ित जगजीत सिंह डल्लेवाल के स्वास्थ्य को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा है कि हम सबसे पहले चाहते हैं कि उन्हें तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान की जाए.

जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण अनशन का 24वां दिन

दरअसल, कैंसर पीड़ित 70 वर्षीय किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल 26 नवंबर से पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी सीमा पर किसानों के मांगों को लेकर आमरण अनशन पर बैठे हैं. हर गुजरते दिन के साथ उनकी तबीयत खराब होती जा रही है. डॉक्टरों ने पहले ही उनको हॉस्पिटल में शिफ्ट करने की सिफारिश की है. ऐसे में गुरुवार को पंजाब के एडवोकेट जनरल गुरमिंदर सिंह ने कोर्ट को कई अहम जानकारी दी है.

उन्होंने जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच को बताया कि रात भर में हम बहुत कुछ मैनेज करने में सफल रहे हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार के अधिकारियों ने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से सीधी बातचीत की है. हालांकि, शुरू में किसानों ने इस बात का विरोध किया था. साथ उन्होंने बताया कि मौके पर मेडिकल विशेषज्ञ मौजूद हैं. उन्होंने बताया कि हवेली नाम की एक जगह को आपातकाल के लिए अस्पताल में बदल दिया है. एक दिन बाद फिर से इस मामले पर सुनवाई होगी. बता दें कि गुरुवार को जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण अनशन का 24वां दिन है.

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जगजीत सिंह डल्लेवाल को लेकर कोर्ट रूम की सुनवाई

पंजाब सरकार- रात भर में हम बहुत कुछ मैनेज करने में सफल रहे हैं. वरिष्ठ अधिकारियों ने जगजीत सिंह डल्लेवाल से बात की. शुरू में विरोध हुआ, लेकिन अब मौके पर हमारे पास मेडिकल विशेषज्ञ मौजूद हैं जो उनकी सहायता कर रहे हैं. हवेली नाम की एक जगह है, जिसे अस्पताल में बदल दिया है. उसे अस्पताल घोषित कर दिया है. आपातकाल के लिए वहां सभी सुविधाएं मौजूद हैं.

जस्टिस सूर्यकांत- अस्पताल की सुविधाएं इस तरह कैसे बदली जा सकती हैं, क्या आप जगजीत सिंह डल्लेवाल को वहां ले जा सकते हैं?

पंजाब सरकार- जगजीत सिंह डल्लेवाल आज कोर्ट में बेंच से मिलना चाहते थे.

जस्टिस सूर्यकांत- उनसे बातचीत करने में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन हम सबसे पहले चाहते हैं कि उन्हें जल्द से जल्द चिकित्सा सहायता प्रदान की जाए. उस प्राथमिकता का पालन क्यों नहीं किया जा रहा है?

पंजाब सरकार- समस्या यह है कि धरना स्थल पर 3 से 4 हजार लोग जमा हैं. वह जगजीत सिंह डल्लेवाल को हॉस्पिटल ले जाने का का विरोध कर रहे हैं. उन्होंने ट्रॉलियां एक साथ बांध रखी हैं ताकि कोई भी वाहन वहां से न निकल सके.

जस्टिस सूर्यकांत- हमें उनकी ब्लड सैंपल के जांच की रिपोर्ट दिखाई जाए. कोई भी हमें हल्के में न ले.

पंजाब सरकार- अभी तक तो वह ठीक हैं.

जस्टिस सूर्यकांत- आप ऐसा कह रहे हैं! डॉक्टर नहीं. क्या सिविल अधिकारी डॉक्टरों का काम कर रहे हैं? 70 साल से ज्यादा उम्र का व्यक्ति 20 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठा है और यह डॉक्टर कौन है, जो बिना जांच के कहता है कि वह ठीक है?

जस्टिस उज्जल भुइयां- वह भूख हड़ताल जारी रख सकते हैं, लेकिन चिकित्सकीय देखरेख के साथ.

जस्टिस सूर्यकांत- बिना कुछ खाए/तरल पदार्थ लिए भी निगरानी की जा सकती है.

पंजाब सरकार- उन्हें शारीरिक रूप से उठाना मुश्किल है. औपचारिक निर्देश जारी किया गया है कि उन्हें हर जरूरी सुविधा उपलब्ध कराई जाए.

जस्टिस सूर्यकांत- उनके ब्लड सैंपल , कैंसर की स्थिति, सीटी स्कैन. यह सब सरकार की जिम्मेदारी है और कुछ भी नहीं किया गया! आपके अधिकारी किस तरह का प्रमाण पत्र दे रहे हैं?

पंजाब सरकार- बस एक ही बात है कि वह शारीरिक टकराव की स्थिति में हताहत हो सकते हैं.

जस्टिस सूर्यकांत- किसानों और नेताओं ने कभी भी शारीरिक टकराव नहीं किया है. वह शांतिपूर्वक बैठे हैं. यह शब्द आपके अधिकारियों की ओर से गढ़े गए हैं. अपने अधिकारियों/राज्य मशीनरी को अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियों के प्रति सजग रहने को कहें.

पंजाब सरकार- कल तक जांच रिपोर्ट मिल जाएगी. सभी सकारात्मक प्रयास किए जाएंगे.

जस्टिस सूर्यकांत- शुक्रवार की दोपहर 1 बजे से पहले हमें बता दें. आपके अधिकारी उसे एक सप्ताह के लिए अस्पताल जाने, आवश्यक उपचार लेने के लिए मना सकते हैं और फिर वह फिर से काम शुरू कर सकते हैं. इस बीच कोई और आंदोलन जारी रख सकता है.

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