Home National MSP, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट… जानें क्या हैं 12 मांगें जिसके लिए शंभू बॉर्डर पर डटे किसान

MSP, स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट… जानें क्या हैं 12 मांगें जिसके लिए शंभू बॉर्डर पर डटे किसान

by Divyansh Sharma
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Farmers Protest: किसानों की मुख्य रूप से 12 मांगें हैं. इसमें सबसे अहम है सभी फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद का कानून बनाने की मांग.

Farmers Protest: हरियाणा-पंजाब सीमा पर अपनी कई मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसान एक बार फिर से देश की राजधानी दिल्ली के कूच कर चुके हैं. 101 किसानों का ‘जत्था’ शंभू बॉर्डर से रविवार की दोपहर 12 बजे दिल्ली के लिए कूच किया.

किसानों को रोकने के लिए हरियाणा पुलिस के जवान भारी संख्या में तैनात हैं. ऐसे में शंभू बॉर्डर पर पुलिस और किसान आमने-सामने आ गए. ऐसे में यह अहम है कि क्या है किसानों की 12 मांगें, जिनके लिए किसान दिल्ली के लिए कूच करना चाहते हैं.

MSP समेत 12 मांगो को लेकर प्रदर्शन

दरअसल, शंभू बॉर्डर पर मौजूद किसानों की मुख्य रूप से 12 मांगे हैं. इसमें सबसे अहम है सभी फसलों की MSP यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी का कानून बनाने की मांग. इसके अलावा किसान चाहते हैं कि फसलों की कीमतें डॉ. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के हिसाब से सरकार तय करे.

इसके साथ ही किसानों का कहना है कि भूमि अधिग्रहण अधिनियम-2013 को फिर से लागू कर दिया जाए. वहीं, साल 2021 में किसान आंदोलन के समय हुए लखीमपुर खीरी कांड के दोषियों को सजा दी जाए. बता दें कि 3 अक्टूबर की दोपहर तकरीबन 3 बजे किसानों को कुचलने का प्रयास किया गया था. इसमें 8 लोगों की मौत हो गई थी. इस हिंसा में BJP यानी भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा पर आरोप लगे थे.

किसानों की मांग

  • सभी फसलों की MSP पर खरीद की गारंटी का कानून.
  • डॉ. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के हिसाब से फसलों की कीमत करने की मांग
  • भूमि अधिग्रहण अधिनियम-2013 को एक बार फिर से लागू किया जाए.
  • लखीमपुर खीरी कांड के दोषियों को सजा की मांग.
  • भारत मुक्त व्यापार के समझौते से दूर हो.
  • किसान-खेतिहर मजदूरों का कर्जा माफ हो और पेंशन भी दी जाए.
  • किसान आंदोलन में मारे गए किसानों के परिवार के सदस्यों को मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग.
  • विद्युत संशोधन विधेयक-2020 को रद्द करने की मांग.
  • मनरेगा में हर वर्ष 200 दिन का काम और 700 रुपये की दिहाड़ी दी जाने की व्यवस्था.
  • फसल नुकसान पर प्रधानमंत्री फसल बीमा स्कीम में सुधार की मांग.
  • संविधान की पांचवीं अनुसूची का सही से पालन कराने की मांग.
  • देश में नकली बीज बचने वाले विक्रेताओं के लाइसेंस रद हो.

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शंभू बॉर्डर पर मौजूद हैं किसान

बता दें कि इन्हीं मांगों को लेकर किसान शंभू बॉर्डर पर मौजूद हैं और दिल्ली जाना चाहते हैं. रविवार को भी किसानों ने दिल्ली जाने का प्रयास किया, लेकिन हरियाणा पुलिस ने उन्हें शंभू बॉर्डर पर ही रोक दिया. आंसू गैस के गोले दागे जाने की वजह से किसान कुछ मीटर पीछे हट गए.

हालांकि, वह अभी भी वहीं डटे हैं. हरियाणा पुलिस ने बॉर्डर एरिया के आसपास किसानों को रोकने के लिए कई लेयर की बैरिकेडिंग की है और साथ ही सड़क पर कीलें और कंक्रीट की दीवार भी बना दी गई है. इसके अलावा अंबाला जिले के 11 गांवों में मोबाइल इंटरनेट और बल्क SMS सेवा 9 दिसंबर तक के लिए निलंबित कर दिया गया है. इससे पहले शुक्रवार को भी किसानों ने शंभू बॉर्डर पार करने का प्रयास किया था. इस दौरान सुरक्षाकर्मियों ने मार्च कर रहे किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे थे, जिसके बाद किसानों ने दिल्ली जाने के प्लान को रोक दिया था.

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