Delhi Assembly Election: आम आदमा पार्टी के पूर्व पार्षद और दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को सुप्रीम कोर्ट ने राहत दी है. वो AIMIM के टिकट से दिल्ली का विधानसभी चुनाव लड़ेंगे.
Delhi Assembly Election: दिल्ली विधानसभा चुनाव होने में अब बस एक हफ्ते का समय बचा है. ऐसे में आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद और 2020 के दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. 6 दिन की हिरासत से पैरोल पर बाहर आए ताहिर हुसैन ने एक दिन बाद यानी बुधवार को पुलिस हिरासत में मुस्तफाबाद से अपने चुनाव अभियान की शुरुआत कर दी है. AIMIM के टिकट पर आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ते हुए हुसैन सुबह 6 बजे तिहाड़ जेल से बाहर निकले और मुस्तफाबाद के 25 फुटा रोड स्थित अपने चुनाव कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने समर्थकों के साथ बातचीत की और सशस्त्र सुरक्षाकर्मियों की निगरानी में स्थानीय निवासियों का अभिवादन किया.
फिर लौटना होगी जेल
यहा बता दें कि ताहिर हुसैन को सुप्रीम कोर्ट से 6 दिन की सशर्त कस्टडी पैरोल मिली है. ताहिर इस बार असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM से मुस्तफाबाद सीट से कैंडिडेट हैं. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि ताहिर हुसैन को 29 जनवरी से 3 फरवरी तक दिन के समय यानी12 घंटे के लिए चुनाव प्रचार के लिए रिहा किया जाएगा. उसके बाद से उन्हें रात में जेल लौटना होगा. इसके अलावा कोर्ट ने ताहिर हुसैन को जेल वैन समेत सुरक्षा खर्च के तौर पर हर दिन 2.47 लाख रुपये देने को कहा है. इस तरह उसे 6 दिन में 14.82 लाख रुपये देने होंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने लगाईं ये शर्तें
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने अपने आदेश में ताहिर हुसैन को कस्टडी पैरोल देने का आदेश दिया. इस दौरान उनकी हिरासत पर जो भी खर्च होगा, उसे ताहिर हुसैन को ही वहन करना होगा. इसमें दिल्ली पुलिस के कर्मचारियों का खर्च, जेल वाहन और एस्कॉर्ट वाहन का खर्च भी शामिल है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के तहत ताहिर हुसैन सिर्फ दिन के समय में जेल से बाहर जाकर चुनाव प्रचार करने की इजाजत है और हर रात को उन्हें जेल वापस जाना होगा. उन्हें हर दिन 12 घंटे की जमानत के लिए 2.47 लाख रुपये देने होंगे, जो कि उनकी सुरक्षा पर होने वाले खर्च का हिस्सा होगा. आपको बता दें कि इन 6 दिनों में ताहिर मुस्तफाबाद स्थित अपने घर नहीं जा सकेंगे. वहीं, दिल्ली चुनाव प्रचार के दौरान पुलिस अधिकारी उनके साथ होंगे. ताहिर को पुलिस सुरक्षा गार्ड, जेल वैन वगैरह का खर्चा खुद देना पड़ेगा.
ताहिर हुसैन के वकील ने क्या बोले?
ताहिर हुसैन के वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने बताया कि चुनाव प्रचार के लिए केवल चार-पांच दिन बचे हैं. ऐसे में ताहिर को लोगों के बीच जाना होगा. जहां दंगा हुए थे, वहां उसका घर है. वह मुस्तफाबाद सीट से चुनाव लड़ रहा है. हम वादा करते हैं कि इस दौरान ताहिर घर नहीं जाएगा. होटल में रहेगा और इसकी पूरी डिटेल कोर्ट को दी जाएगी.
कब से जेल में बंद हैं ताहिर?
बता दें कि ताहिर हुसैन दिल्ली दंगों के आरोप में 4 साल 9 महीने से जेल में बंद हैं. इससे पहले 22 जनवरी को ताहिर की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की 2 जजों की बेंच में सहमति नहीं बन पाई थी.
दिल्ली में कब और क्यों हुए थे दंगे?
गौरतलब है कि दिल्ली में 24 फरवरी, 2020 को दंगे शुरू हुए थे. ये दंगे नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के विरोध में हुए. नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में हुए इस दंगे में 53 लोगों ने अपनी जान गवाई थी और करीब 250 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. दिल्ली के जाफराबाद, सीलमपुर, भजनपुरा, ज्योति नगर, करावल नगर, खजूरी खास, गोकुलपुरी, दयालपुर और न्यू उस्मानपुर समेत 11 पुलिस स्टेशन के इलाकों में दंगाइयों ने जमकर उत्पात मचाया था. इस दंगे में कुल 520 लोगों पर FIR दर्ज की गईं थीं. 25 फरवरी को ही इन दंगों पर रोक लग गई थी.
कौन-कौन है मैदान में?
मुस्तफाबाद विधानसभा में प्रमुख राजनीतिक दलों ने प्रमुख उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है. BJP ने पड़ोसी करावल नगर से मौजूदा विधायक मोहन सिंह बिष्ट को उम्मीदवार बनाया है, जबकि AAP ने प्रतिनिधित्व आदिल अहमद खान को मैदान में उतारा है, जो अन्ना हजारे आंदोलन के बाद से पार्टी से जुड़े हुए हैं. वहीं, कांग्रेस ने पूर्व विधायक हसन मेहदी के बेटे अली मेहदी को मैदान में उतारा है. दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए मतदा 5 फरवरी को होगा और परिणाम 8 फरवरी को घोषित किए जाएंगे.
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