Home National आम लोग ही नहीं सरकारी अफसर भी हुए धोखाधड़ी का शिकार, जानें कैसे फंसा रहे कॉलर ID ऐप्स

आम लोग ही नहीं सरकारी अफसर भी हुए धोखाधड़ी का शिकार, जानें कैसे फंसा रहे कॉलर ID ऐप्स

by Divyansh Sharma
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Cyber Crime: NIC की ओर से सरकारी अधिकारियों के खिलाफ बढ़ते डिजिटल धोखाधड़ी और साइबर अपराधों को कम करने के लिए नई सलाह जारी की गई है.

Cyber Crime: क्या आप भी अपने फोन अनजान कॉलर्स की जानकारी के लिए कॉलर ID ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं. अगर हां, तो सावधान हो जाएं.

दरअसल, NIC यानी राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (National Informatics Centre) ने इसे लेकर बड़ी सलाह जारी की है. NIC की ओर से दी गई जानकारी में कहा गया है कि इन ऐप्स को आसानी से धोखा दिया जा सकता है.

बता दें कि इस तरह की धोखाधड़ी को विशिंग कहा जाता है और हाल के दिनों में सरकारी अधिकारियों को इससे बड़े पैमाने पर निशाना बनाया गया है.

सरकारी विभागों के अधिकारियों को दी गई सलाह

दरअसल, NIC की ओर से सरकारी अधिकारियों के खिलाफ बढ़ते डिजिटल धोखाधड़ी और साइबर अपराधों को कम करने के लिए नई सलाह जारी की गई है.

इसमें कहा गया है कि अनजान कॉलर्स की जानकारी के लिए इस्तेमाल किए जा रहे कॉलर ID ऐप्स को आसानी से धोखा दिया जा सकता है.

NIC के सरकारी अधिकारियों की ओर से जारी साइबर सलाह में बढ़ते विशिंग हमलों के बाद फोन कॉल प्राप्त करते समय पॉप अप होने वाली कॉलर ID जानकारी पर बिल्कुल भी भरोसा न करने के लिए आगाह किया है.

NIC की सलाह में बताया गया है कि इसे गंभीर श्रेणी में रखा गया है. सलाह में कहा गया है कि धोखाधड़ी करने वाले कॉलर ID जानकारी से हेरफेर करते हैं ताकि ऐसा लगे कि कॉल सही सरकारी नंबर से आ रही है.

इससे लोग गुमराह हो जाते हैं और धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं. न्यूज एजेंसी PTI ने बताया कि यह संदेश कई सरकारी विभागों के अधिकारियों को भेजा गया है.

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एक तरह का सोशल इंजीनियरिंग हमला है विशिंग

NIC की ओर से इसे लेकर चार सलाह जारी की गई है. इसमें पहला है- नंबर के आधार पर कॉल करने वाले की पहचान पर भरोसा न करें.

दूसरा है- सरकारी अधिकारी बनकर बात करने वाले की जांच करें. तीसरा है- संवेदनशील जानकारी साझा करने से पहले रुके. चौथा है- व्यक्तिगत या गोपनीय जानकारी मांगने वाले किसी भी अनचाहे कॉल पर संदेह करना चाहिए.

सलाह में सरकारी कर्मचारियों से काम के दौरान सुरक्षित रहने के लिए सभी प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए भी कहा गया है.

बता दें कि विशिंग एक तरह का सोशल इंजीनियरिंग हमला है. इसमें घोटालेबाज फोन या वॉयस मैसेज के जरिए लोगों से संवेदनशील जानकारी शेयर करने के लिए कहते हैं.

इस तरह के हमले आम लोगों के साथ-साथ सरकारी अफसरों के खिलाफ भी बढ़ रहे हैं. ऐसे में NIC की ओर से सरकारी अधिकारियों के लिए सलाह जारी की गई है.

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