Congress News: कांग्रेस ने महाराष्ट्र, हरियाणा और दिल्ली में हार के बाद संगठन को मजबूत करने का फैसला लिया है. ऐसे में महासचिवों और राज्यों के प्रभारियों की बैठक बुलाई गई.
Congress News: दिल्ली चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस पार्टी अब एक्शन मोड में काम कर रही है. दरअसल, लोकसभा चुनाव में उम्मीद से बेहतर परिणाम हासिल करने के वाली कांग्रेस ने महाराष्ट्र, हरियाणा और दिल्ली में हार के बाद संगठन को मजबूत करने का फैसला लिया है. इसी क्रम में बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पार्टी महासचिवों और राज्यों के प्रभारियों की बैठक बुलाई. इस अहम बैठक के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं.
महासचिवों और प्रभारियों को नसीहत
मंगलवार को हुई बैठक में पार्टी महासचिवों और राज्यों के प्रभारियों के साथ कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल समेत अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए. बता दें कि बिहार में इसी साल के अंत में चुनाव होने वाले हैं. इसके बाद साल 2026 में केरल, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, पुडुचेरी और असम में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में कांग्रेस एक्टिव हो चुकी है.
आज AICC General Secretaries और Incharges की बैठक में मेरे शुरूआती वक्तव्य के कुछ अंश –
— Mallikarjun Kharge (@kharge) February 19, 2025
हमें काँग्रेस पार्टी की ideology के COMMITTED ऐसे लोगों को आगे बढ़ाना चाहिए जो विपरीत माहौल में भी चटटान की तरह हमारे साथ खड़े हैं।
मैं यहां एक सबसे जरूरी बात Accountability के बारे में भी… pic.twitter.com/UcJp3QPWoc
इस बैठक में कांग्रेस आलाकमान ने कई बड़े और कड़े फैसले भी लिए हैं. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जु खरगे ने कहा कि भविष्य में चुनाव परिणाम के लिए राज्य प्रभारियों को जवाबदेह माना जाएगा. साथ ही उन्होंने निर्देश दिया है कि दूसरे दल से आए वैचारिक तौर पर कमजोर नेताओं को पार्टी में शामिल करने के लिए बड़ी सावधानी बरतने की जरूरत है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि पार्टी में ऐसे लोगों को आगे बढ़ाना चाहिए, जो कांग्रेस की विचारधारा के लिए ज्यादा प्रतिबद्ध हैं और हर हालात में पार्टी के साथ चट्टान की तरह रह सकते हैं. बता दें कि बिहार में इसी साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं.
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जनाधार बढ़ाने पर जोर दे रही पार्टी
बिहार में वह महागठबंधन में शामिल RJD यानि राष्ट्रीय जनता दल के सहयोगी पार्टी के तौर पर चुनाव में उतरेगी. बिहार में कांग्रेस का आधार सीमित है. ऐसे में कांग्रेस को इस चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने की जिम्मेदारी होगी. अगले साल पार्टी तमिलनाडु में वह DMK यानि द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम के सहयोगी के तौर पर चुनाव लड़ेगी. इसके अलावा केरल, पुडुचेरी, असम और पश्चिम बंगाल में पार्टी को अकेले ही चुनाव लड़ना है. ऐसे में पार्टी जनाधार बढ़ाने पर जोर दे रही है.
केरल में कांग्रेस का वाम मोर्चे से, असम में BJP यानि भारतीय जनता पार्टी और पश्चिम बंगाल में TMC यानि तृणमूल कांग्रेस से सीधा मुकाबला है. केरल में पिछले दो बार से वाम मोर्चा, असम में BJP और पश्चिम बंगाल की सत्ता पर TMC काबिज है. इन चुनावों में कांग्रेस ने अगर बेहतर प्रदर्शन नहीं किया, तो दिल्ली, हरियाणा और महाराष्ट्र की तरह ही पार्टी के भविष्य पर फिर सवाल उठेगा. ऐसे में कुछ दिनों पहले संगठन में भी बदलाव किए गए हैं. साथ ही कांग्रेस की कोशिशें सभी राज्यों में संगठन को मजबूत करने पर है.
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