Home National कांग्रेस के भविष्य पर मंथन! जानें महासचिवों और प्रभारियों को मिली नसीहत के क्या हैं सियासी मायने

कांग्रेस के भविष्य पर मंथन! जानें महासचिवों और प्रभारियों को मिली नसीहत के क्या हैं सियासी मायने

by Divyansh Sharma
0 comment
Congress, General Secretary, Mallikarjun Kharge, Rahul Gandhi, Congress State In Charge, Congress President,

Congress News: कांग्रेस ने महाराष्ट्र, हरियाणा और दिल्ली में हार के बाद संगठन को मजबूत करने का फैसला लिया है. ऐसे में महासचिवों और राज्यों के प्रभारियों की बैठक बुलाई गई.

Congress News: दिल्ली चुनाव में करारी हार के बाद कांग्रेस पार्टी अब एक्शन मोड में काम कर रही है. दरअसल, लोकसभा चुनाव में उम्मीद से बेहतर परिणाम हासिल करने के वाली कांग्रेस ने महाराष्ट्र, हरियाणा और दिल्ली में हार के बाद संगठन को मजबूत करने का फैसला लिया है. इसी क्रम में बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पार्टी महासचिवों और राज्यों के प्रभारियों की बैठक बुलाई. इस अहम बैठक के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं.

महासचिवों और प्रभारियों को नसीहत

मंगलवार को हुई बैठक में पार्टी महासचिवों और राज्यों के प्रभारियों के साथ कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल समेत अन्य वरिष्ठ नेता शामिल हुए. बता दें कि बिहार में इसी साल के अंत में चुनाव होने वाले हैं. इसके बाद साल 2026 में केरल, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, पुडुचेरी और असम में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में कांग्रेस एक्टिव हो चुकी है.

इस बैठक में कांग्रेस आलाकमान ने कई बड़े और कड़े फैसले भी लिए हैं. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जु खरगे ने कहा कि भविष्य में चुनाव परिणाम के लिए राज्य प्रभारियों को जवाबदेह माना जाएगा. साथ ही उन्होंने निर्देश दिया है कि दूसरे दल से आए वैचारिक तौर पर कमजोर नेताओं को पार्टी में शामिल करने के लिए बड़ी सावधानी बरतने की जरूरत है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि पार्टी में ऐसे लोगों को आगे बढ़ाना चाहिए, जो कांग्रेस की विचारधारा के लिए ज्यादा प्रतिबद्ध हैं और हर हालात में पार्टी के साथ चट्टान की तरह रह सकते हैं. बता दें कि बिहार में इसी साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं.

यह भी पढ़ें: 30 हजार गेस्ट और 20 राज्यों के CM… दिल्ली में शपथ ग्रहण में दिखेगा NDA का शक्ति प्रदर्शन

जनाधार बढ़ाने पर जोर दे रही पार्टी

बिहार में वह महागठबंधन में शामिल RJD यानि राष्ट्रीय जनता दल के सहयोगी पार्टी के तौर पर चुनाव में उतरेगी. बिहार में कांग्रेस का आधार सीमित है. ऐसे में कांग्रेस को इस चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने की जिम्मेदारी होगी. अगले साल पार्टी तमिलनाडु में वह DMK यानि द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम के सहयोगी के तौर पर चुनाव लड़ेगी. इसके अलावा केरल, पुडुचेरी, असम और पश्चिम बंगाल में पार्टी को अकेले ही चुनाव लड़ना है. ऐसे में पार्टी जनाधार बढ़ाने पर जोर दे रही है.

केरल में कांग्रेस का वाम मोर्चे से, असम में BJP यानि भारतीय जनता पार्टी और पश्चिम बंगाल में TMC यानि तृणमूल कांग्रेस से सीधा मुकाबला है. केरल में पिछले दो बार से वाम मोर्चा, असम में BJP और पश्चिम बंगाल की सत्ता पर TMC काबिज है. इन चुनावों में कांग्रेस ने अगर बेहतर प्रदर्शन नहीं किया, तो दिल्ली, हरियाणा और महाराष्ट्र की तरह ही पार्टी के भविष्य पर फिर सवाल उठेगा. ऐसे में कुछ दिनों पहले संगठन में भी बदलाव किए गए हैं. साथ ही कांग्रेस की कोशिशें सभी राज्यों में संगठन को मजबूत करने पर है.

यह भी पढ़ें: क्या बिहार में चुनाव से पहले लालू यादव की पार्टी में पड़ गई फूट! क्यों RJD नेता दे रहे हैं सफाई?

Follow Us On: Facebook | X | LinkedIn | YouTube Instagram

You may also like

Leave a Comment

Feature Posts

Newsletter

Subscribe my Newsletter for new blog posts, tips & new photos. Let's stay updated!

@2025 Live Time. All Rights Reserved.

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?
-
00:00
00:00
Update Required Flash plugin
-
00:00
00:00