Home National क्या कांग्रेस में अब नहीं चलेगी गुटबाजी? आलाकमान ने शुरू की ताबड़तोड़ बैठकें, जानें क्या है एजेंडा

क्या कांग्रेस में अब नहीं चलेगी गुटबाजी? आलाकमान ने शुरू की ताबड़तोड़ बैठकें, जानें क्या है एजेंडा

by Divyansh Sharma
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Congress Party News: कांग्रेस नेतृत्व अब पार्टी में गुटबाजी या आपसी मतभेद नहीं चाहती है. इस बात का संकेत पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पहले ही दे दिया है.

Congress Party News: लोकसभा चुनावों के बाद कई राज्यों में लगातार हार के बाद कांग्रेस आलाकमान इससे सीख लेती हुई नजर आ रही है. अब पार्टी आगामी राज्यों के चुनाव के लिए पूरी तैयारी करती हुई दिख रही है. कुछ दिनों पहले ही कांग्रेस आलाकमान ने असम के पार्टी नेताओं के साथ बैठक की थी.

असम के नेताओं की बैठक के बाद 28 फरवरी को केरल के कांग्रेस नेताओं के बैठक की गई है. ऐसे में माना जा रहा है कि पार्टी नेतृत्व अब पार्टी में किसी भी तरह की गुटबाजी या आपसी मतभेद नहीं चाहती है. इस बात का संकेत पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पहले ही दे दिया है.

शशि थरूर बढ़ा रहे हैं पार्टी की मुश्किलें

बता दें कि पिछले साल महाराष्ट्र और हरियाणा में पार्टी की हार के लिए मुख्य रुप से उन राज्यों के नेताओं के बीच की गुटबाजी को माना गया था. वहीं, दिल्ली में इसी साल विधानसभा के हार में भी गुटबाजी की चर्चा जोरों पर रही. गौरतलब है कि बिहार में इसी साल के अंत में चुनाव होने वाले हैं.

इसके बाद अगले साल यानि 2026 में केरल, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, पुडुचेरी और असम में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में कांग्रेस पार्टी एक्टिव हो चुकी है. संगठनात्मक बदलाव से लेकर नेताओं को नसीहत देने तक पार्टी हर मोर्चे पर पूरी तरह से जुट गई है. इसी क्रम में चुनावी राज्यों के नेताओं के साथ अभी से बैठकें शुरू कर दी है.

कांग्रेस केंद्रीय नेतृत्व ने सभी बागी नेताओं के खिलाफ साफ निर्देश दे दिया गया है कि कोई भी अनुशासन तोड़े, तो तुरंत करें कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि केरल में शशि थरूर हाल के समय में चर्चाओं में बने हुए हैं. उन्होंने पार्टी आलाकमान से पार्टी में अपनी भूमिका पूछकर और पार्टी लाइन से अलग बयान देकर पार्टी की मुश्किलें बढ़ा दी थी. अब 28 फरवरी की बैठक के बाद नेताओं का कहना है कि अब कोई मतभेद नहीं है. सब कुछ ठीक है.

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महासचिव-राज्य प्रभारियों को भी नसीहत

बता दें कि 19 फरवरी को कांग्रेस महासचिव और राज्य प्रभारियों की बैठक का आयोजन किया गया था. इस बैठक में मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी की विचारधारा के प्रति समर्पित ऐसे लोगों को आगे बढ़ाना चाहिए, जो विपरीत माहौल में भी चट्टान की तरह हमारे साथ खड़े रहते हैं.

साथ ही राज्यों के प्रभारी भी भविष्य के चुनाव परिणामों के लिए जिम्मेदार माने जाएंगे. उन्होंने अपने नेताओं को साफ निर्देश दिया था कि अगले 5 साल के दौरान हमारा प्रयास होना चाहिए कि हम जनता के मुद्दों को लेकर लगातार संघर्ष और जन आंदोलन करके मुख्य विपक्ष की भूमिका में उभरने का प्रयास करें.

माना जा रहा था कि मल्लिकार्जुन खरगे का यह बयान आपसी गुटबाजी और आपसी मतभेद को लेकर ही है. वहीं, केरल में शशि थरूर के बगावती तेवर को देख कर माना जा रहा है कि रमेश चेन्निथला गुट और केसी वेणुगोपाल गुट के बाद शशि थरूर ने भी तीसरे धड़े के रूप में अपनी ताकत दिखा दी है. साथ ही कई राज्यों में हार के बाद कांग्रेस आलाकमान अलर्ट मोड पर आ गया है और साथ ही बैठकों के जरिए बागी नेताओं पर नकेल कसने की भी पूरी कोशिश कर रहा है.

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